.

बीकानेर। ब्राह्मण अन्तर्राष्ट्रीय संगठन राजस्थान प्रदेश के तत्वावधान में भगवान परशुराम जी के जन्तोत्सव पर आहूत "जन्मोत्सव सप्ताह समारोह" का भव्य शुभारंभ लक्ष्मीनाथ जी मंदिर स्थित गीता मंदिर में अखंड ज्योत, भगवान परशुराम जी, महर्षियों व कुलदेवियों के पूजन, महाआरती एवं भक्ति संगीत के साथ शुरू हुआ । संगठन के प्रदेश संयुक्त सचिव आशीष दाधीच ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता कर रहें संगठन के प्रान्तीय अध्यक्ष पं0योगेन्द्र कुमार दाधीच के साथ समारोह के मुख्य अतिथि वयोवृद्व कर्मकाण्डी पण्डित सुंदर लाल ओझा विशिष्ठ अतिथि साहित्यकार एवं शिक्षिका डॉ0 कृष्णा आचार्य, दाधीच सोश्यल ग्रुप इन्दौर के  ओमप्रकाश शर्मा सम्मानित अतिथि पुजारी बुलाकी सेवग, सनातन दर्पण पत्रिका की प्रधान सम्पादिका श्रीमति सम्मत दायमा, कर्मचारी नेता सत्यनारायण व्यास, कमल नारायण आचार्य, शिवकुमार ओझा "फौजी" ने वैदिक मंत्रोचार के साथ भगवान परशुराम जी, महर्षियों वा कुलदेवियों का पूजन कर एवं अखण्ड ज्योत प्रज्जवलित कर "भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव सप्ताह" का आगाज किया । अतिथियों एवं उपस्थित समाज जनों ने सस्वर महाआरती की । इस अवसर पर आहूत संगीत समारोह में आर.के. सूरदासाणी "लोक गायक" बाल कलाकार प्रवीण दाधीच, डॉ0 श्रीमति कृष्णा आचार्य ने सरस्वती वन्दना, भजन आदि प्रस्तुत किये । वैदिक मंत्रोचार पं0  जितेन्द्र ओझा ने किया । अतिथियों का स्वागत आशीष दाधीच, आर.के. सूरदासाणी, रजत दाधीच, शंकर लाल जोशी, प्रवीण दाधीच, मूलचंद काकंडा, जगदीश्वर दयाल सहल,राजेन्द्र पुरोहित आदि ने माल्र्यापण कर किया । सम्बोधन:- समारोह के मुख्यअतिथि वयोवृद्ध कर्मकाण्डी पं0  सुन्दर लाल ओझा ने कहा कि भगवान परशुराम जी वेद शास्त्र के प्रख्यात ज्ञाता थे उन्होनें अन्याय के विरूद्व शस्त्र उठाया वे परम शिव भक्त के साथ मातृ-पितृ के आज्ञाकारी थे । उनके जीवन चरित्र से मानव कल्याणर्थ की सेवा सुश्रषा के साथ-साथ कमजोर के हितों का संरक्षण करने की शिक्षा मिलती है। समारोह के अध्यक्ष एवं संगठन के प्रान्तीय अध्यक्ष पं0 योगेन्द्र कुमार दाधीच ने कहा कि भृगुवंशी ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पांच पुत्रों मे से एक पुत्र भगवान परशुराम जी हुवें जो कल्याणकारी धर्मरक्षक, वेद-शास्त्र एवं शस्त्र विद्या के ज्ञाता, परम शिव भक्त एवं अन्याय के घोर विरोधी थे । मानव मात्र के कल्याणर्थ एवं धर्म की रक्षा के उनके चारित्रिक गुण से हमें यह सीख लेनी चाहिये कि हम भी मानव कल्याण एंव धर्म की रक्षा हेतु अपनी शक्ति एवं सामथ्र्य के अनुसार कार्य
विशिष्ठ अतिथि साहित्यकार एवं शिक्षिका डॉ0 कृष्णा आचार्य ने कहा कि आज के युग में भगवान परशुराम जी के आदर्श मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण है । माता-पिता के पूर्ण आज्ञाकारी भगवान परशुराम जी से हमें अपने माता-पिता के आज्ञाकारी बनने का आदर्श अपने जीवन में साक्षात करते हुवें मानव कल्याणर्थ कार्य करने के उनके आदर्शो को अंगीकार करना चाहियें । विशिष्ठ अतिथि इन्दौर से पधारे दाधीच सोश्यल गु्रप के ओम प्रकाश शर्मा ने कहा कि भगवान परशुराम का प्राणी मात्र का हित ही सर्वोपरी लक्ष्य था उनके जन्मोत्सव पर हमें प्राणी मात्र के हितों का संरक्षण करने का संकल्प लेना चाहियें । सनातन दर्पण पत्रिका की प्रधान सम्पादिका श्रीमति सम्पत दायमा ने कहा कि वेद शास्त्र एवं शस्त्र विद्या के पूर्ण ज्ञाता भगवान परशुराम जी गौ, ब्राह्मण एवं कमजोर व्यक्ति के हितकारी होते हुवें भक्ति, शक्ति, माता-पिता के आज्ञापालक थे । उनके जन्मोत्सव दिवस पर हमें उनके इन आदर्शो को जीवन में अंगीकर करने की प्रतिज्ञा लेनी चाहियें । अतिथियों का आभार:- रजत दाधीच ने व्यक्त किया । भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव सप्ताह पर पूजन, आरती, विचार गोष्ठी के कार्यक्रम भगवान परशुराम जी के जन्मोत्सव दिवस 20 अप्रेल को साय: 07:00 बजे से 11:00 दीपों की दीपमालिका सजाकर ओम, स्वास्तिक, त्रिशूल बनाये जाकर पूजन महाआरती, भक्ति संगीत आदि के आयोजन होगें ।
Axact

HINDU ASTHA

हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है .

Post A Comment: