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भीलवाडा । (पंकज पोरवाल) शहर के अशांत माहौल से परेशान व्यापारी और आमजन ही अब तक आक्रोश जता रहा था। बीते एक पखवाड़े की उपद्रव व पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद प्रशासन की ढ़ीली कार्यवाही की शिकायत लेकर संत समाज भी शुक्रवार को सड़कों पर आ गया। संत समाज ने प्रशासन पर बहुसंख्यक वर्ग के साथ बेरूखी पूर्ण व्यवहार का आरोप लगाया। संतों ने एक सप्ताह में कार्यवाही नहीं करने पर व्यापारिक बहिष्कार व आमरण अनशन तक की चेतावनी प्रशासन को दे डाली। बीते एक पखवाड़े से कपड़ा नगरी भीलवाड़ा में चल रहे बवाल और अशांत माहौल को लेकर संत समाज ने भी शुक्रवार को आक्रोश जताया। संत समाज ने हरिशेवा उदासीन आश्रम से रैली निकाली। वीर सांवरकर चैक, पुराने गुरूद्वारा और शाम की सब्जी मण्डी होते हुए यह रैली कलेक्ट्रेट चैराहे पर पहुंची। उदासीन आश्रम के महन्त व महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम जी उदासीन और महंत बाबूगिरी जी के नेतृत्व में सुबह 11 बजे रैली रवाना हुई। रैली के दौरान संतों के साथ ही सैंकड़ों युवा भी चल रहे थे। कलक्ट्रेट चैराहे पर संतों के साथ चल रहे युवाओं ने प्रशासन व पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बीते दिनों शहर में हुए पथराव व व्यापारिक प्रतिष्ठानों को नुकसान पहुंचाने वालों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की गई। जहां संतों ने बीते दिनों हुई शहर की घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा पेश किया। घटनाओं के बाद पुलिस व प्रशासन पर संतों ने जमकर लापरवाही के आरोप लगाये। प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व कर रहे महामण्डलेश्वर हंसरामजी ने कलक्टर शर्मा से मुखातिब होते हुए कहा कि अब तक की कार्यवाही से संत समाज आहत है। उन्होंने कहा कि पुलिस ने आरोपी व फरियादी दोनों को एक ही नजर से देखा है, जो सरासर गलत है। यही कारण है कि अपराधियों और समाजकंटकों के हौंसले बुलन्द है।  वे लोग अब भी महिलाओं और ग्रहणियों को धमका रहे हैं। वे लोग मामले वापस लेने के लिए दबाव बनाने का प्रयास भी कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर भी सख्त कार्यवाही होनी चाहिए। यहीं कारण है कि संत समाज पहली बार आपसे शिकायत के साथ मिलने आया है। सात दिन में प्रभावी कार्यवाही नहीं की तो संत समाज आमजन के साथ में आन्दोलन करेगा। संत समाज की ओर से कलक्टर के माध्यम से राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल व मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया जिसमे कहा गया कि कार्यवाही नहीं हुई तो नागरिक सुरक्षा मंच द्वारा किये गए आव्हान में खटदर्शन साधु समाज समर्थन करता है। ज्ञापन देने वाले खट्दर्शन साधु समाज प्रतिनिधि मण्डल में महन्त जमनापुरी जी,  महन्त गोपालदास जी महाराज(सांगानेर), महन्त मोहनशरण (निम्बार्क आश्रम), महन्त बलराम दास जी (रपट के बालाजी), महन्त आशुतोष दास, महन्त रामदास रामायणी, महन्त बनवारी शरण(काठियावाड़ी), महन्त दीपक पुरी जी, संत लक्ष्मीदास, संत मायाराम जी, गोविन्दराम, संत सत्यचेतन, संत किशनदास, प्रेमदास और पुरुषोत्तम दास आदि मौजूद थे। 
जगद्गुरू स्वामी रामदयालजी से हुई बात: मीडिया से मुखातिब होते हुए प्रतिनिधि मण्डल का नेतृत्व कर रहे महामण्डलेश्वर हंसराम ने कहा कि वर्तमान हालात से संत समाज आहत है। उनकी अन्तर्राष्ट्रीय रामस्नेही सम्प्रदाय के जगद्गुरू स्वामी रामदयाल जी महाराज से भी दूरभाष पर चर्चा हुई है। वे भी इन घटनाओं से नाराज है। उन्होंने प्रशासन से प्रभावी कार्यवाही की मांग की है और आश्वस्त किया है कि कार्यवाही नहीं होने पर वे संत समाज के साथ अनशन पर बैठेंगे। 
   रोजगार बंद कर दें, भण्डारा खोल देंगे: नाराज संतों ने कहा कि सकल समाज हमारे अनुयायी परेशानी में है तो हमें भी सड़कों पर आना पड़ा। महन्त हंसराम ने कहा कि 27 दिसम्बर तक वास्तविक आरोपियों पर कड़ी कार्यवाही नहीं हुई तो वे भक्तों से कहेंगे कि रोजगार बंद कर दें, हम संत लोग भण्डारा खोल देंगे। भक्त आये भजन करें और भोजन पाये।
 ज्ञापन लेने कलक्टर आए: संत समाज को सम्मान देते हुए जिला कलक्टर महावीर प्रसाद शर्मा अपने कक्ष से बाहर निकलकर कलेक्ट्री के मुख्य गेट तक आए और संत समाज से ज्ञापन लिया। ज्ञापन का वाचन सुरेश गोयल ने किया।

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HINDU ASTHA

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