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✳️ कब से चल रही हैं पूजा पौराणिक मान्यता
शारदीय नवरात्र की शुरुआत भगवान राम ने की थी। भगवान राम ने सबसे पहले समुद्र के तट पर शारदीय नवरात्रि की शुरुआत की और नौ दिनों तक शक्ति की पूजा की थी और तब जाकर उन्होंने लंका पर विजय प्राप्त किया था। यही मूल वजह है कि शारदीय नवरात्र में नौ दिनों तक दुर्गा मां की पूजा के बाद दसवें दिन दशहरा मनाया जाता है।
💠पहला दिन शैलपुत्री को लगाएं ये भोग
नवरात्र के पहले दिन देवी दुर्गा की प्रथम स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा होती है। मां शैलपुत्री को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और मान्यता है कि अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है। ऐसा करने पर हर तरह की बीमारी दूर होती है।
✳️दूसरा दिन ब्रह्मचारिणी को लगाएं ये भोग
माता के दूसरे रूप को ब्रहचारिणी के नाम से जाना जाता हैं। ब्रह्मचारिणी माता को लाल रंग का भोग लगाना चाहिए। इसमें लाल फल और लाल मिठाई शामिल हो सकते हैं।
इस भोग को देवी के चरणों में अर्पित करने के बाद परिवार के सदस्यों में बांटने से सभी की आयु में वृद्धि होती है।
✴️तीसरे दिन चंद्रघंटा को लगाएं ये भोग
तीसरे रूप में माता चंद्रघंटा का पूजा जाता हैं। इन्हें भी लाल रंग का भोग सबसे प्रिय होता है। आप इन्हें लाल रंग के फल जैसे सेब-अनार या लाल रंग की मिठाई जैसे गुलाबजामुन का भोग लगा सकते हैं।इससे दुखों की मुक्ति होकर परम आनंद की प्राप्ति होती है।
💠 चौथ दिन कूष्माण्डा को लगाएं ये भोग
मां के अत्ति सुन्दर कूष्मांडा रूप को नारंगी रंग का भोग लगाया जाता है। शेर पर सवार इन देवी को संतरा, नारंगी, मौसमी, नींबू या नारंगी रंग की मिठाई का भोग लगाना चाहिए।बुद्धि का विकास होने के साथ-साथ निर्णय शक्ति बढ़ती है।
✳️पांचवे दिन स्कंदमाता को लगाएं ये भोग
पांचवें दिन माता के इस रूप की आराधना की जाती हैं। इन्हें पीले रंग का भोग लगाना चाहिए। इन्हें पीले फल, पीली मिठाई, केसर वाला दूध और केसर वाली खीर का भोग लगाया जा सकता है।इससे आपको उत्तम स्वास्थ्य और निरोगी काया की प्राप्ति होती है।
✴️ छठ दिन देवी कात्यायनी को लगाएं ये भोग
कात्यायनी माता देवी का शांत रूप हैं। इन्हें लाल रंग का भोग लगाना चाहिए। अगर आपको बाजार में कोई गुलाबी रंग की मिठाई मिल पाए तो इन्हें उसका भोग जरूर लगाना चाहिए।इससे मनुष्य की आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है।
💠 सातवे दिन कालरात्रि को लगाएं ये भोग
माता का यह रूप दुष्टों का नाश करने वाला हैं। इन्हें काले रंग के पेय पदार्थ का भोग लगाना चाहिए। संभव हो तो इन्हें नारियल का भोग जरूर लगाएं।इससे शोक से मुक्ति मिलती है एवं आकस्मिक आने वाले संकटों से रक्षा भी होती है।
✳️आठवें दिन महागौरी को लगाएं ये भोग
माता महागौरी को मक्खन-मिश्री, मखानों की खीर, समा के चावलों की खीर और साबुत दाने की खीर आदि का भोग लगाना चाहिए। देवी मां की कृपा प्राप्त होती है।
✴️नौव दिन सिद्धिदात्री को लगाएं ये भोग
देवी सिद्धिदात्री माता महालक्ष्मी का स्वरूप हैं। इन्हें भी देवी लक्ष्मी की तरह लाल रंग का भोजन प्रिय है। लाल फल या मिठाई का भोग लगाना अच्छा रहेगा। इससे मृत्यु भय से राहत मिलती है, साथ ही अनहोनी होने की घटनाओं से बचाव भी होगा।
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