महाकाल ज्योतिष जड़ाऊ मेड़ता नागौर
आज का पंचांग
विक्रम संवत :- 2081 {क्रोधी }
दिनाँक -:-07/02/2025 शुक्रवार
दशमी, शुक्ल पक्ष ~~ माघ माह
तिथि दशमी 21:25:39
शुक्ल पक्ष
रोहिणी नक्षत्र 18:38:59
ऐन्द्र योग 15:15:24
तैतुल करण 10:07:19
गर करण 21:25:39
विशेष जानकारी
जया एकादशी व्रत कल
माघ ~ माह
वृषभ राशि चन्द्र 30:20:17
मिथुन राशि चन्द्र 30:20:17
मकर राशि सूर्य
शिशिर ~~~~ रितु
आयन ~~~~~उत्तरायण
शाका संवत ~~ 1946
जयपुर
सूर्योदय समय ~ 07:10:11
सूर्यास्त समय ~ 18:12:05
दिन काल ~ 11:01:54
रात्री काल ~ 12:57:27
चंद्रोदय समय ~ 13:04:14
चंद्रास्त समय ~ 27:44:27
लग्न ~ मकर 24°19' , 294°19'
सूर्य नक्षत्र ~ धनिष्ठा
चन्द्र नक्षत्र ~ रोहिणी
नक्षत्र पाया ~ लौह
पद,चरण
3 वी ~~रोहिणी 12:49:53
4 वु ~~रोहिणी 18:38:59
1 वे~~ मृगशीर्षा 24:29:06
2 वो ~~मृगशीर्षा 30:20:17
मुहूर्त शुभ ,अशुभ
राहू काल~~ 11:18 - 12:41 अशुभ
यम घंटा~~ 15:27 - 16:49 अशुभ
गुली काल ~~08:33 - 09:56
अभिजित ~~12:19 - 13:03 शुभ
दूर मुहूर्त ~~09:23 - 10:07 अशुभ
दूर मुहूर्त ~~13:03 - 13:47 अशुभ
वर्ज्यम~~ 10:54 - 12:27 अशुभ
प्रदोष ~~18:12 - 20:48 शुभ
~~लग्न~~
मकर~~ 07:10 - 07:30
कुम्भ ~~07:30 - 08:59
मीन ~~08:59 - 10:27
मेष~~ 10:27 - 12:03
वृषभ~~ 12:03 - 13:59
मिथुन ~~13:59 - 16:14
कर्क~~ 16:14 - 18:33
सिंह ~~18:33 - 20:48
कन्या~~ 20:48 - 23:03
तुला ~~23:03 - 25:21
वृश्चिक ~~25:21 - 27:38
धनु ~~27:38 - 29:43
मकर~~ 29:43 - 31:10
नोट-- चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि 01:30:00 घंटा होती है।
दिन का चोघडिया
चर ~~07:10 - 08:33 शुभ
लाभ ~~08:33 - 09:56 शुभ
अमृत~~ 09:56 - 11:18 शुभ
काल ~~11:18 - 12:41 अशुभ
शुभ ~~12:41 - 14:04 शुभ
रोग~~ 14:04 - 15:27 अशुभ
उद्वेग~~ 15:27 - 16:49 अशुभ
चर~~ 16:49 - 18:12 शुभ
चोघडिया, रात
रोग~~ 18:12 - 19:49 अशुभ
काल ~~19:49 - 21:26 अशुभ
लाभ~~ 21:26 - 23:04 शुभ
उद्वेग ~~23:04 - 24:41 अशुभ
शुभ ~~24:41 - 26:18 शुभ
अमृत ~~26:18 - 27:55 शुभ
चर ~~27:55 - 29:32 शुभ
रोग~~ 29:32 - 31:10 अशुभ
दिशाशूल ज्ञान -पश्चिम
परिहार-: आवश्यक कार्य हो ओर उसी दिशा की तरफ यात्रा करनी पड़े, जिस दिन वहाँ दिशाशूल हो तो यह उपाय करके यात्रा कर लेनी चाहिए –
रविवार – दलिया और घी खाकर।
सोमवार – दर्पण देख कर।
मंगलवार – गुड़ खा कर।
बुधवार – तिल, धनिया खा कर ।
गुरूवार – दही खा कर !
शुक्रवार – जौ खा कर!
शनिवार – अदरक अथवा उड़द की दाल खा कर,
यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुँचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। दिशाशूल ज्ञान होने से व्यक्ति मार्ग में आने वाली बाधाओं से बच सकता है |
दिशा शूल ले जाओ बामे, राहु योगिनी पूठ |
सम्मुख लेवे चंद्रमा, लावे लक्ष्मी लूट||
सनातन धर्म की जय
राष्ट्रहित सर्वोपरि