बीकानेर: बीकानेर के प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य और संस्कृत के विद्वान डॉ. पं. नंदकिशोर पुरोहित को 16 फरवरी 2025 को लंदन में आयोजित एक भव्य समारोह में "भारत गौरव सम्मान" से सम्मानित किया जाएगा। यह सम्मान उन्हें उनके भारतीय संस्कृति, ज्योतिष विद्या, वास्तु शास्त्र और संस्कृत के क्षेत्र में किए गए अद्वितीय योगदान के लिए प्रदान किया जाएगा।
डॉ. पुरोहित, जो बीकानेर स्थित द फोरकास्ट हाउस के निदेशक हैं, ने भारतीय ज्योतिष और वास्तु शास्त्र को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़कर समाज में जागरूकता फैलाने के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए हैं। उनकी विशेषता यह है कि उन्होंने प्राचीन भारतीय ज्ञान को समकालीन जीवन के साथ जोड़कर उसे और अधिक प्रासंगिक बना दिया है। इसके साथ ही वे भारतीय संस्कृति और संस्कृत के प्रबल प्रवक्ता के रूप में भी प्रसिद्ध हैं, जिन्होंने दुनिया भर में भारतीय ज्ञान और परंपराओं का प्रचार-प्रसार किया है।
"भारत गौरव सम्मान" का महत्व:
"भारत गौरव सम्मान" भारतीय संस्कृति, परंपरा और समाज के उत्थान में महत्वपूर्ण योगदान करने वाले व्यक्तित्वों को दिया जाता है। यह सम्मान ऐसे लोगों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने अपनी मेहनत और समर्पण से भारतीय धरोहर को न केवल देश में बल्कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी प्रमुखता से प्रस्तुत किया हो। डॉ. पुरोहित का यह सम्मान उनके द्वारा किए गए अथक प्रयासों और भारत की प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को मान्यता देता है।
भारत महोत्सव लंदन 2025:
यह सम्मान समारोह "भारत महोत्सव लंदन 2025" के हिस्से के रूप में आयोजित किया जाएगा, जो ब्रिटेन में भारतीय कला, संस्कृति और विविधता का एक अद्भुत उत्सव है। इस महोत्सव में भारतीय समुदाय की असाधारण उपलब्धियों को उजागर किया जाएगा और डॉ. नंदकिशोर पुरोहित का यह सम्मान समारोह भारतीय ज्योतिष विद्या और संस्कृति के प्रति उनकी दीर्घकालिक सेवा का प्रतीक होगा।
डॉ. पुरोहित का योगदान:
डॉ. नंदकिशोर पुरोहित ने भारतीय ज्योतिष और वास्तु विद्या को न केवल आम जनता के बीच लोकप्रिय बनाया है, बल्कि उन्होंने इसे विज्ञान और तर्क के दृष्टिकोण से भी प्रस्तुत किया है। उनका विश्वास है कि भारतीय ज्योतिष केवल भविष्यवाणी का माध्यम नहीं है, बल्कि यह जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने और सशक्त बनाने का एक महत्वपूर्ण साधन है।
इसके अलावा, डॉ. पुरोहित ने संस्कृत को एक सशक्त भाषा के रूप में प्रचारित किया है, जो भारतीय ज्ञान के अनेक पहलुओं को व्यक्त करने में सक्षम है। उनकी लेखनी और शिक्षाओं ने लाखों लोगों को भारतीय संस्कृति से जोड़ा है।
डॉ. पुरोहित का यह सम्मान न केवल उनके व्यक्तिगत योगदान को मान्यता देता है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, ज्ञान और परंपराओं के वैश्विक प्रसार में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। इस सम्मान से भारतीय समुदाय की असाधारण उपलब्धियों को दुनिया भर में और अधिक सम्मान मिलेगा।
डॉ. पुरोहित की इस उपलब्धि पर बीकानेर सहित पूरे भारतवर्ष में गर्व का माहौल है। उनका यह सम्मान उनके समर्पण, ज्ञान और भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।