༺꧁ mhakal82꧂༻
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🕉🕉🕉 आज का पंचांग 🕉🕉🕉
विक्रम संवत :- 2082 {विश्वावसु }
दिनाँक -:-05/07/2025 शनिवार
दशमी, शुक्ल पक्ष ~~आषाढ़ माह
तिथि दशमी 18:58:17
शुक्ल पक्ष
स्वाति नक्षत्र 19:50:18
सिद्ध योग 20:34:35
तैतुल करण 05:45:19
गर करण 18:58:17
✴️✴️✴️*विशेष जानकारी✴️✴️✴️
✴️ देवशयनी एकादशी व्रत कल
✴️चातुर्मास प्रारम्भ कल
💥 आषाढ़ ~ माह
तुला राशि चन्द्र
मिथुन राशि चन्द्र
वर्षा ~~~~ रितु
आयन ~~~~~दक्षिणायण
शाका संवत ~~ 1947
जयपुर
सूर्योदय समय ~ 05:39:24
सूर्यास्त समय ~ 19:23:29
दिन काल ~ 13:44:05
रात्री काल ~ 10:16:19
चंद्रोदय समय ~ 14:44:43
चंद्रास्त समय ~ 25:39:05
लग्न ~ मिथुन 19°3' , 79°3'
सूर्य नक्षत्र ~ आद्रा
चन्द्र नक्षत्र ~ स्वाति
नक्षत्र पाया ~ रजत
♠️♠️पद,चरण♠️♠️
2 रे ~~स्वाति 06:20:14
3 रो~~ स्वाति 13:05:31
4 ता ~~स्वाति 19:50:18
1 ती ~~विशाखा 26:34:24
♦♦ मुहूर्त शुभ ,अशुभ ♦♦
राहू काल~~ 09:05 - 10:48 अशुभ
यम घंटा~~ 14:14 - 15:57 अशुभ
गुली काल ~~05:39 - 07:22
अभिजित~~ 12:04 - 12:59 शुभ
दूर मुहूर्त ~~07:29 - 08:24 अशुभ
वर्ज्यम ~~26:07 - 27:55 अशुभ
प्रदोष~~ 19:23 - 21:26 शुभ
~~लग्न~~
मिथुन~~ 05:39 - 06:32
कर्क~~ 06:32 - 08:51
सिंह ~~08:51 - 11:06
कन्या~~ 11:06 - 13:21
तुला ~~13:21 - 15:39
वृश्चिक~~ 15:39 - 17:56
धनु~~ 17:56 - 20:01
मकर~~ 20:01 - 21:45
कुम्भ~~ 21:45 - 23:14
मीन~~ 23:14 - 24:40
मेष ~~24:40 - 26:17
वृषभ ~~26:17 - 28:14
मिथुन ~~28:14 - 29:40
💥 नोट-- चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि 01:30:00 घंटा होती है।
💥 दिन का चोघडिया
काल~~ 05:39 - 07:22 अशुभ
शुभ ~~07:22 - 09:05 शुभ
रोग ~~09:05 - 10:48 अशुभ
उद्वेग~~ 10:48 - 12:31 अशुभ
चर~~ 12:31 - 14:14 शुभ
लाभ ~~14:14 - 15:57 शुभ
अमृत~~ 15:57 - 17:40 शुभ
काल ~~17:40 - 19:23 अशुभ
💥रात का चोघडिया
लाभ~~ 19:23 - 20:41 शुभ
उद्वेग~~ 20:41 - 21:58 अशुभ
शुभ~~ 21:58 - 23:15 शुभ
अमृत~~ 23:15 - 24:32 शुभ
चर~~ 24:32 - 25:49 शुभ
रोग~~ 25:49 - 27:06 अशुभ
काल ~~27:06 - 28:23 अशुभ
लाभ ~~28:23 - 29:40 शुभ
💥 दिशाशूल ज्ञान ✈✈✈ ★पूर्व★
परिहार-: आवश्यक कार्य हो ओर उसी दिशा की तरफ यात्रा करनी पड़े, जिस दिन वहाँ दिशाशूल हो तो यह उपाय करके यात्रा कर लेनी चाहिए –
रविवार – दलिया और घी खाकर।
सोमवार – दर्पण देख कर।
मंगलवार – गुड़ खा कर।
बुधवार – तिल, धनिया खा कर ।
गुरूवार – दही खा कर !
शुक्रवार – जौ खा कर!
शनिवार – अदरक अथवा उड़द की दाल खा कर
*यदि एक दिन में गंतव्य स्थान पर पहुँचना और फिर वापस आना निश्चित हो तो दिशाशूल विचार की आवश्यकता नहीं है। दिशाशूल ज्ञान होने से व्यक्ति मार्ग में आने वाली बाधाओं से बच सकता है |
*दिशा शूल ले जाओ बामे, राहु योगिनी पूठ |
सम्मुख लेवे चंद्रमा, लावे लक्ष्मी लूट||*
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🕉🕉🕉 सनातन धर्म की जय🕉🕉🕉
🇮🇳 🇮🇳 राष्ट्रहित सर्वोपरि 🇮🇳 🇮🇳
पंडित :- भानुप्रकाश शास्त्री
Bhanu823323@gmail.com
सम्पर्क :- 8233231767
सम्पर्क :- 8949649257
महाकाल ज्योतिष, जड़ाऊ मेड़ता, नागौर(राज.)