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आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 23 JULY 2025

 


   दिनांक - 23 जुलाई 2025

  दिन -  बुधवार

  विक्रम संवत 2082

  शक संवत -1947

  अयन - दक्षिणायन

  ऋतु - वर्षा ॠतु 

  मास - श्रावण

  पक्ष - कृष्ण 

  तिथि - चतुर्दशी 24 जुलाई रात्रि 02:28  तक तत्पश्चात अमावस्या

  नक्षत्र - आर्द्रा शाम 05:54 तक तत्पश्चात पुनर्वसु 

  योग - व्याघात दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात हर्षण

  राहुकाल - दोपहर 12:45 से दोपहर 02:24 तक

  सूर्योदय - 05:52

  सूर्यास्त -  07:20

  दिशाशूल - उत्तर दिशा मे

  व्रत पर्व विवरण - मासिक शिवरात्रि,चतुर्दशी-  आर्द्रा नक्षत्र योग (प्रातः 04:39 से शाम 05:54 तक) (ॐकार का जप अक्षय फलदायी)

  विशेष - चतुर्दशी  अमावस्या व व्रत के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

  चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)

  चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।

      



  पुष्य नक्षत्र योग  

➡ 24 जुलाई 2025 गुरुवार को शाम 04:43 से 25 जुलाई सूर्योदय तक गुरुपुष्यामृत योग है ।

  १०८ मोती की माला लेकर जो गुरुमंत्र का जप करता है, श्रद्धापूर्वक तो २७ नक्षत्र के देवता उस पर खुश होते हैं और नक्षत्रों में मुख्य है पुष्य नक्षत्र, और पुष्य नक्षत्र के स्वामी हैं देवगुरु ब्रहस्पति | पुष्य नक्षत्र समृद्धि देनेवाला है, सम्पति बढ़ानेवाला है | उस दिन ब्रहस्पति का पूजन करना चाहिये | ब्रहस्पति को तो हमने देखा नहीं तो सद्गुरु को ही देखकर उनका पूजन करें और मन ही मन ये मंत्र बोले –

ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |...... ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम : |


  कैसे बदले दुर्भाग्य को सौभाग्य में  

  बरगद के पत्ते पर गुरुपुष्य या रविपुष्य योग में हल्दी से स्वस्तिक बनाकर घर में रखें |



  धन-धान्य व सुख-संम्पदा के लिए  

  24 जुलाई 2025 गुरुवार को अमावस्या है।

  हर अमावस्या को घर में एक छोटा सा आहुति प्रयोग करें।

  सामग्री : १. काले तिल, २. जौं, ३. चावल, ४. गाय का घी, ५. चंदन पाउडर, ६. गूगल, ७. गुड़, ८. देशी कर्पूर, गौ चंदन या कण्डा।

  विधि: गौ चंदन या कण्डे को किसी बर्तन में डालकर हवनकुंड बना लें, फिर उपरोक्त ८ वस्तुओं के मिश्रण से तैयार सामग्री से, घर के सभी सदस्य एकत्रित होकर नीचे दिये गये देवताओं की १-१ आहुति दें।

  आहुति मंत्र 🔥

  १. ॐ कुल देवताभ्यो नमः

  २. ॐ ग्राम देवताभ्यो नमः

  ३. ॐ ग्रह देवताभ्यो नमः

  ४. ॐ लक्ष्मीपति देवताभ्यो नमः

  ५. ॐ विघ्नविनाशक देवताभ्यो नमः