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आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 10 AUGUST 2025

 


आज का हिन्दू पंचांग 


  दिनांक - 10 अगस्त 2025

 दिन -  रविवार

 विक्रम संवत 2082

 शक संवत -1947

 अयन - दक्षिणायन

 ऋतु - वर्षा ॠतु 

 मास - भाद्रपद

 पक्ष - कृष्ण 

 तिथि - प्रतिपदा दोपहर 12:09 तक तत्पश्चात द्वितीया

नक्षत्र - धनिष्ठा दोपहर 01:52 तक तत्पश्चात शतभिषा 

 योग - शोभन रात्रि 12:02 तक तत्पश्चात अतिगण्ड

 राहुकाल - शाम 05:35 से शाम 07:12 तक

 सूर्योदय - 06:01

 सूर्यास्त -  07:10

 दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे

 व्रत पर्व विवरण - पंचक

 विशेष - प्रतिपदा को कूष्माण्ड (कुम्हड़ा पेठा) न खाएं क्योकि यह धन का नाश करने वाला है (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


 चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)


 चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।


             


 अंगारकी -मंगलवारी चतुर्थी 


 12 अगस्त 2025 मंगलवार को सुबह 08:40 से 13 अगस्त सूर्योदय तक अंगारकी -मंगलवारी चतुर्थी है।


 अंगारकी चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना …जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है… 


 बिना नमक का भोजन करें

 मंगल देव का मानसिक आह्वान करो

 चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें


कितना भी कर्ज़दार हो .. काम धंधे से बेरोजगार हो ..रोज़ी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा।


 विघ्नों और मुसीबते दूर करने के लिए 


 12 अगस्त 2025 मंगलवार को संकष्ट चतुर्थी है (चन्द्रोदय रात्रि 09:06) 


 शिव पुराण में आता हैं कि  हर महिने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी ( पूनम के बाद की ) के दिन सुबह में गणपतिजी का पूजन करें और रात को चन्द्रमा में गणपतिजी की भावना करके अर्घ्य दें और ये मंत्र बोलें :


 ॐ गं गणपते नमः ।

 ॐ सोमाय नमः ।


 मंगलवार चतुर्थी 


 भारतीय समय के अनुसार 12 अगस्त 2025 को (सुबह 08:40 से 13 अगस्त सूर्योदय तक) चतुर्थी है, इस महा योग पर अगर मंगल ग्रह देव के 21 नामों से सुमिरन करें  और धरती पर अर्घ्य देकर प्रार्थना करें,शुभ संकल्प करें तो आप सकल ऋण से मुक्त हो सकते हैं..


मंगल देव के 21 नाम इस प्रकार हैं :-


 1) ॐ मंगलाय नमः

 2) ॐ भूमि पुत्राय नमः

 3 ) ॐ ऋण हर्त्रे नमः

 4) ॐ धन प्रदाय नमः

 5 ) ॐ स्थिर आसनाय नमः

 6) ॐ महा कायाय नमः

 7) ॐ सर्व कामार्थ साधकाय नमः

 8) ॐ लोहिताय नमः

 9) ॐ लोहिताक्षाय नमः

 10) ॐ साम गानाम कृपा करे नमः

 11) ॐ धरात्मजाय नमः

 12) ॐ भुजाय नमः

 13) ॐ भौमाय नमः

 14) ॐ भुमिजाय नमः

 15) ॐ भूमि नन्दनाय नमः

 16) ॐ अंगारकाय नमः

 17) ॐ यमाय नमः

 18) ॐ सर्व रोग प्रहाराकाय नमः

 19) ॐ वृष्टि कर्ते नमः

 20) ॐ वृष्टि हराते नमः

 21) ॐ सर्व कामा फल प्रदाय नमः


 ये 21 मन्त्र से भगवान मंगल देव को नमन करें  ..फिर धरती पर अर्घ्य देना चाहिए..अर्घ्य देते समय ये मन्त्र बोले :-


 भूमि पुत्रो महा तेजा

 कुमारो रक्त वस्त्रका

 ग्रहणअर्घ्यं मया दत्तम 

 ऋणम शांतिम प्रयाक्ष्मे


 हे भूमि पुत्र!..महा क्यातेजस्वी,रक्त वस्त्र धारण करने वाले देव मेरा अर्घ्य स्वीकार करो और मुझे ऋण से शांति प्राप्त कराओ..



 पंडित रामगोपाल डोलियां