आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक - 25 अगस्त 2025
दिन - सोमवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद ॠतु
मास - भाद्रपद
पक्ष - शुक्ल
तिथि - द्वितीया दोपहर 12:34 तक तत्पश्चात तृतीया
नक्षत्र - उत्तराफाल्गुनी 26 अगस्त रात्रि 03:49 तक तत्पश्चात हस्त
योग - सिद्ध दोपहर 12:06 तक तत्पश्चात साध्य
राहुकाल - सुबह 07:55 से सुबह 09:30 तक
सूर्योदय - 06:09
सूर्यास्त - 06:56
दिशाशूल - पूर्व दिशा मे
व्रत पर्व विवरण -
विशेष - द्वितीया को बृहती (छोटा बैगन या कटेहरी) खाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
हरितालिका तीज
भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है। इस बार ये व्रत 26 अगस्त, मंगलवार को है। विधि-विधान से हरितालिका तीज का व्रत करने से कुंवारी कन्याओं को मनचाहे वर की प्राप्ति होती है, वहीं विवाहित महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-
विधि
इस दिन महिलाएं निर्जल (बिना कुछ खाए-पिए) रहकर व्रत करती हैं। इस व्रत में बालूरेत से भगवान शंकर व माता पार्वती का मूर्ति बनाकर पूजन किया जाता है। घर को साफ-स्वच्छ कर तोरण-मंडप आदि से सजाएं। एक पवित्र चौकी पर शुद्ध मिट्टी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग, रिद्धि-सिद्धि सहित गणेश, पार्वती एवं उनकी सखी की आकृति (प्रतिमा) बनाएं।
प्रतिमाएं बनाते समय भगवान का स्मरण करें। देवताओं का आह्वान कर षोडशोपचार पूजन करें। व्रत का पूजन रात भर चलता है। महिलाएं जागरण करती हैं और कथा-पूजन के साथ कीर्तन करती हैं। प्रत्येक प्रहर में भगवान शिव को सभी प्रकार की वनस्पतियां जैसे बिल्व-पत्र, आम के पत्ते, चंपक के पत्ते एवं केवड़ा अर्पण किया जाता है। आरती और स्तोत्र द्वारा आराधना की जाती है।
भगवती-उमा की पूजा के लिए ये मंत्र बोलें-
ऊं उमायै नम:, ऊं पार्वत्यै नम:, ऊं जगद्धात्र्यै नम:, ऊं जगत्प्रतिष्ठयै नम:, ऊं शांतिरूपिण्यै नम:, ऊं शिवायै नम:
भगवान शिव की आराधना इन मंत्रों से करें-
ऊं हराय नम:, ऊं महेश्वराय नम:, ऊं शम्भवे नम:, ऊं शूलपाणये नम:, ऊं पिनाकवृषे नम:, ऊं शिवाय नम:, ऊं पशुपतये नम:, ऊं महादेवाय नम:
पूजा दूसरे दिन सुबह समाप्त होती है, तब महिलाएं अपना व्रत खोलती हैं और अन्न ग्रहण करती हैं।
ससुराल में कोई तकलीफ
किसी सुहागन बहन को ससुराल में कोई तकलीफ हो तो शुक्ल पक्ष की तृतीया को उपवास रखें …उपवास माने एक बार बिना नमक का भोजन कर के उपवास रखें ..भोजन में दाल चावल सब्जी रोटी नहीं खाएं , दूध रोटी खा लें ..शुक्ल पक्ष की तृतीया को..अमावस्या से पूनम तक की शुक्ल पक्ष में जो तृतीया आती है उसको ऐसा उपवास रखें …नमक बिना का भोजन(दूध रोटी) , एक बार खाएं बस……अगर किसी बहन से वो भी नहीं हो सकता पूरे साल का तो केवल
माघ महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया,
वैशाख शुक्ल तृतीया और भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया जरुर ऐसे ३ तृतीया का उपवास जरुर करें …नमक बिना करें ….जरुर लाभ होगा…
विशेष - 26 अगस्त 2025 मंगलवार को भाद्रपद मास की शुक्ल तृतीया है ।
मंगलवारी चतुर्थी
26 अगस्त 2025 मंगलवार को दोपहर 01:54 से 27 अगस्त सूर्यास्त तक मंगलवारी चतुर्थी है।
मंगलवारी चतुर्थी को सब काम छोड़ कर जप-ध्यान करना …जप, ध्यान, तप सूर्य-ग्रहण जितना फलदायी है…
बिना नमक का भोजन करें
मंगल देव का मानसिक आह्वान करो
चन्द्रमा में गणपति की भावना करके अर्घ्य दें
कितना भी कर्ज़दार हो ..काम धंधे से बेरोजगार हो ..रोज़ी रोटी तो मिलेगी और कर्जे से छुटकारा मिलेगा |
पंडित रामगोपाल डोलियां