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आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 31 AUGUST 2025

 


 जय श्री राम  

 आज का हिन्दू पंचांग  


  दिनांक - 31 अगस्त 2025

  दिन -  रविवार

  विक्रम संवत 2082

  शक संवत -1947

  अयन - दक्षिणायन

  ऋतु - शरद ॠतु 

  मास - भाद्रपद

  पक्ष - शुक्ल 

  तिथि - अष्टमी रात्रि 12:57 तक तत्पश्चात नवमी

  नक्षत्र - अनुराधा शाम 05:27 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा

  योग - वैधृति शाम 03:59 तक तत्पश्चात विष्कंभ

  राहुकाल - शाम 05:21 से शाम 06:56 तक

  सूर्योदय - 06:12

  सूर्यास्त -  06:49

  दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे

  व्रत पर्व विवरण - श्री राधा अष्टमी,महालक्ष्मी व्रत आरम्भ,गौरी-आवाहन

  विशेष - *अष्टमी को नारियल का फल खाने से बुद्धि का नाश होता है (ब्रह्मवैवर्त पुराण ब्रह्म खण्ड: 27,29,34)

  रविवार के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)

  रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)

  रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)

  स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।

       


  कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो, सँवर जायेगा  

  अगर अशांति मिटानी है तो दोनों नथुनों से श्वास लें और ‘ॐ शान्ति:...... शान्ति:’ जप करें और फिर फूँक मार के अशांति को, बाहर फेंक दें | जब तारे नहीं दिखते हों, चन्द्रमा नहीं दिखता हो और सूरज अभी आनेवाले हों तो वह समय मंत्रसिद्धि योग का है, मनोकामना-सिद्धि योग का है |

 इस काल में किया हुआ यह प्रयोग अशांति को भगाने में बड़ी मदद देगा | अगर निरोगता प्राप्त करनी है तो आरोग्यता के भाव से श्वास भरें और आरोग्य का मंत्र ‘नासै रोग हरै सब पीरा | जपत निरंतर हनुमत बीरा ||’ जपकर ‘रोग गया’ ऐसा भाव करके फूँक मारें | ऐसा 10 बार करें | कैसा भी रोगी, कैसा भी अशांत और कैसा भी बिखरा हुआ जीवन हो, सँवर जायेगा |



 मनोकामनापूर्ति योग  

 देवी भागवत में व्यास भगवान ने बताया है.... भाद्रपद मास, शुक्ल नवमी तिथि हो ..... उस दिन अगर कोई जगदंबाजी का पूजन करता है, तो उसकी मनोकामनायें पूर्ण होती है , और जिंदगी जब तक उसकी रहेगी वो सुखी और संपन्न रहेगा | इस दिन ए मंत्र का जप करें......

  ॐ अम्बिकाय नम :

  ॐ श्रीं नम :

 ॐ ह्रीं नम:

  ॐ पार्वेत्येय नम :

  ॐ गौराये नम :

 ॐ शंकरप्रियाय नम :

  थोड़ी देर तक बैठकर जप करना | और जिसको धन धान्य है, वो माँ से कहना मेरी गुरुचरणों में श्रध्दा बढे, भक्ति बढे (ये भी एक संपत्ति है साधक की) मेरी निष्ठा बढे मेरी उपासना बढे |

  विशेष - 01 सितम्बर 2025 सोमवार को भाद्रपद मास, शुक्ल नवमी तिथि है ।


  पंडित रामगोपाल डोलियां