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Photo courtesy: Kamal Sharma Dehradun |
भारत एक ऐसा देश है जहाँ त्योहारों की रौनक सालभर बनी रहती है। इन त्योहारों में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। यह त्योहार भगवान श्रीकृष्ण के जन्म की स्मृति में हर वर्ष भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि को बड़े हर्षोल्लास से मनाया जाता है। यह दिन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह नैतिकता, प्रेम, भक्ति और धर्म की रक्षा का संदेश भी देता है।
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म:
भगवान श्रीकृष्ण का जन्म द्वापर युग में मथुरा नगरी के कारागार में हुआ था। उनके माता-पिता वासुदेव और देवकी थे। जब-जब पृथ्वी पर अधर्म और अत्याचार बढ़ता है, तब-तब भगवान किसी न किसी रूप में अवतार लेते हैं। कंस के अत्याचारों से पृथ्वी त्रस्त हो गई थी, तब भगवान ने कृष्ण के रूप में अवतार लिया और अंत में कंस का वध कर धर्म की स्थापना की।
जन्माष्टमी का महत्व:
जन्माष्टमी केवल भगवान कृष्ण के जन्म की खुशी तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेने का भी अवसर देती है। उनका बाल रूप बालकों के लिए आदर्श है, युवा अवस्था में उनका ज्ञान, गीता का उपदेश, और उनके द्वारा किया गया कर्मयोग जीवन में संतुलन सिखाता है।
पूजा विधि और परंपराएं:
इस दिन व्रत रखा जाता है, मंदिरों को सजाया जाता है और विशेष झांकियाँ सजाई जाती हैं। रात्रि 12 बजे श्रीकृष्ण के जन्म की प्रतीकात्मक झांकी का आयोजन होता है, जिसमें उनके जन्म का दृश्य प्रस्तुत किया जाता है। भक्त 'हरे कृष्ण' और 'राधे-राधे' के जयघोष के साथ झूम उठते हैं। महाराष्ट्र में 'दही-हांडी' उत्सव भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण की बाल लीलाओं की याद दिलाता है।
श्रीकृष्ण का संदेश:
भगवद गीता में श्रीकृष्ण ने जो उपदेश अर्जुन को दिए, वे आज भी मानवता का मार्गदर्शन करते हैं। “कर्म करो, फल की चिंता मत करो”, “हर परिस्थिति में धर्म का साथ दो”, और “आत्मा अमर है” जैसे विचार हमें आध्यात्मिक बल देते हैं।
जन्माष्टमी न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह आत्मचिंतन, भक्ति, और जीवन के सच्चे मार्ग की ओर प्रेरित करने वाला अवसर भी है। श्रीकृष्ण के आदर्शों को अपनाकर हम अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं। इस पावन दिन पर हमें यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सच्चाई, धर्म और प्रेम के मार्ग पर चलेंगे।
जय श्रीकृष्ण!
लेखक
"अभिनव चतुर्वेदी एक भारतीय अभिनेता, एंकर, गायक एवं मंच संचालक हैं। वह पूर्व दिल्ली क्रिकेट खिलाड़ी भी रह चुके हैं और एक राष्ट्रवादी सोच के व्यक्ति हैं।"