आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक - 27 सितम्बर 2025
दिन - शनिवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद ॠतु
मास - आश्विन
पक्ष - शुक्ल
तिथि - पंचमी दोपहर 12:03 तक तत्पश्चात षष्ठी
नक्षत्र - अनुराधा 28 सितम्बर रात्रि 01:08 तक तत्पश्चात ज्येष्ठा
योग - प्रीति रात्रि 11:46 तक तत्पश्चात आयुष्मान
राहुकाल - सुबह 09:29 से सुबह 10:59 तक
सूर्योदय - 06:25
सूर्यास्त - 06:18
दिशाशूल - पूर्व दिशा मे
*व्रत पर्व विवरण -
विशेष - पंचमी को बेल खाने से कलंक लगता है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
मंत्र जप एवं शुभ संकल्प हेतु विशेष तिथि
28 सितम्बर 2025 रविवार को दोपहर 02:27 से 29 सितम्बर सूर्योदय तक रविवारी सप्तमी है।
सोमवती अमावस्या, रविवारी सप्तमी, मंगलवारी चतुर्थी, बुधवारी अष्टमी – ये चार तिथियाँ सूर्यग्रहण के बराबर कही गयी हैं।
इनमें किया गया जप-ध्यान, स्नान , दान व श्राद्ध अक्षय होता है।
(शिव पुराण, विद्येश्वर संहिताः अध्याया (10)
शारदीय नवरात्रि
नवरात्रि की सप्तमी तिथि यानी सातवें दिन माता दुर्गा को गुड़ का भोग लगाएं ।इससे हर मनोकामना पूरी हो सकती है।
शारदीय नवरात्रि
शत्रुओं का नाश करती हैं मां कालरात्रि
महाशक्ति मां दुर्गा का सातवां स्वरूप हैं कालरात्रि। मां कालरात्रि काल का नाश करने वाली हैं, इसी वजह से इन्हें कालरात्रि कहा जाता है। मां कालरात्रि की आराधना के समय भक्त को अपने मन को भानु चक्र जो ललाट अर्थात सिर के मध्य स्थित करना चाहिए। इस आराधना के फलस्वरूप भानु चक्र की शक्तियां जागृत होती हैं। मां कालरात्रि की भक्ति से हमारे मन का हर प्रकार का भय नष्ट होता है। जीवन की हर समस्या को पल भर में हल करने की शक्ति प्राप्त होती है। शत्रुओं का नाश करने वाली मां कालरात्रि अपने भक्तों को हर परिस्थिति में विजय दिलाती हैं ।
पंडित रामगोपाल डोलियां
