इस श्लोक कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संगोऽस्त्वकर्मणि || Karmanyewadhikaraste Ma Phaleshu Kadachana | Ma Karmaphal…
Read more »पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जयः । पौण्ड्रं दध्मौ महाशंख भीमकर्मा वृकोदरः ॥ भावार्थ : श्रीकृष्ण महाराज ने पाञ्चजन्य नामक, अर्जुन ने दे…
Read more »ततः श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ । माधवः पाण्डवश्चैव दिव्यौ शंखौ प्रदध्मतुः ॥ इसके अनन्तर सफेद घोड़ों से युक्त उत्तम रथ में बैठे हुए श…
Read more »ततः शंखाश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखाः । सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ॥ भावार्थ : इसके पश्चात शंख और नगाड़े तथा ढोल, मृदंग और न…
Read more »( दोनों सेनाओं की शंख-ध्वनि का कथन ) तस्य सञ्जनयन्हर्षं कुरुवृद्धः पितामहः । सिंहनादं विनद्योच्चैः शंख दध्मो प्रतापवान् ॥ भावार्थ : …
Read more »हिन्दू धर्म से जुड़ी जानकारी प्रदान करने वाली हमारी वेबसाइट पर आप पायेंगे धार्मिक विचार, व्रत, तिथियाँ, और प्रमुख त्योहारों के बारे में विस्तृत जानकारी। यहां आप हिन्दू धर्म के सिद्धांतों, देवताओं, मंत्रों, पूजा विधियों और धार्मिक ग्रंथों के बारे में जान सकते हैं। इसके अलावा, हम प्रमुख हिन्दू मंदिरों की जानकारी भी उपलब्ध कराते हैं, ताकि आप अपने धार्मिक यात्रा की योजना आसानी से बना सकें। वेबसाइट पर व्रत और उपवासों के महत्व, उनके पालन की विधि और उनके लाभ के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी जाती है। "इस वेबसाइट पर प्रदान की गई ये जानकारी और मान्यताएं केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से हैं। hinduastha.com किसी भी जानकारी या मान्यता की सत्यता की पुष्टि नहीं करता। किसी भी जानकारी या सलाह को व्यवहार में लाने से पहले कृपया संबंधित विशेषज्ञ से परामर्श अवश्य लें।"
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