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रास्ते का दीया मुझे दिखाई दिया , और बोला अरे मानव तुने ये क्या किया , चारो तरफ अधेरे का नजरिया , तू मेरी तरह बन पथिक को राह दिखाता चल , अगर इस रोशनी से पथिक को रास्ता मिल जायेगा , तो समझ ले अ मानव तेरा जीवन सवर जायेगा
निर्मला अशोक शाह
Axact

HINDU ASTHA

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