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और कई महिलाये कार्तिक के महीने में वर्त भी रखती है और सुबह सूरज के उगने के पहले नहा कर तुलसी की पूजा करना और शाम को तारो की छाव में भोजन करना होता है राजस्थान में इस वर्त को काफी महत्व दिया |
आज के दिन ही सिख समाज गुरुनानक देव जी की जयंती मनाता है कहते है की नानक जी ने आज के दिन ही राजस्थान के पुष्कर में डेरा जमाया था और पुष्कर के घाट पर स्नान किया था बाद में नानक देव जी ने मानव जन को एक रह कर नेक कर्मो द्वारा जीवन जीने का अमर सन्देश दिया गुरु गोविन्द सिंग जी के आने का उल्लेख तो अभी भी वहा लिखा हुआ बताते है |
आज के दिन देवता ,गंधर्व ऋषि मुनि आदि गंगा आदि कई पवित्र नदियों में स्नान करने के लिए धरती पर उतर कर आते है और इन पवित्र जगहों में तिल के तेल और घी के दीपक जलाने पर अश्व मेघ यज्ञ जितने फल की प्राप्ति होती है ,आज के दिन मानव को चाहिए वो भय, लालच , ईष्या ,क्रोध ,अंहकार और अपनी गलत इच्छाओ को मन से निकल कर उसमे करुना ,प्यार,दयालुता ,उदारता ,अपनों और भगवान को समझने का भाव अपने मन में रखे
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