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तर्ज( मेरी छतरी के नीचे)
तू लीले चढ़कर आज्या,
तेरी बाट उडीकाँ घड़ी-घड़ी ।। टेर ।।
भक्ताँ दरबार सजायो है,
थान न्यूतो श्याम भिजायो है,
अन्तर केसर की खुशबू, फूलाँ की लटक लड़ी-लड़ी ।। 1 ।।
थार केशर तिलक लगावागाँ,
चाँदी को छत्तर चढ़ावागाँ,
केशरियो बागो ल्याया, थारी लाम्बी लाम्बी मोर छड़ी ।। 2 ।।
थारो छप्पन भोग बनायो है,
सब भगताँ न बुलवायो है,
थाण खुश करन क खातिर, थारां भक्ताँ नाच घड़ी-घड़ी ।। 3 ।।
म्हारी अर्जी सुनकर आ जाओ,
भगताँ रा मान बढ़ा जाओ,
‘बनवारी’ दर्शन खातिर, अंसुवन की लागी झड़ी-झड़ी ।। 4 ।।
Axact

HINDU ASTHA

हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है .

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