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बजरंग दया करके मुझको अपना लेना |
मैं शरण पड़ा तेरी, चरणों में जगह देना ||

करूणानिधि नाम तेरा, करुणा दिखलाओ तुम |
सोये हुए भावों को हे नाथ जगाओ तुम |
मेरी नावं भवर डोले, उसे पार लगा देना ||
...... बजरंग दया करके .......

तुम सुख के सागर हो, निर्धन के सहारे हो |
इस तन में समाये हो, प्राणों से प्यारे हो |
नित माला जपूँ तेरी, मुझको न भुला देना ||
...... बजरंग दया करके .......

पापी हूँ या कपटी हूँ, जैसा भी हूँ तेरा हूँ |
घर-बार छोड़ कर मैं, जीवन से खेला हूँ |
दुःख का मैं मारा हूँ, मेरे दुःख दर्द मिटा देना ||
...... बजरंग दया करके .......

मैं सबका सेवक हूँ, तेरे चरणों का चेरा (दास) हूँ |
नहीं नाथ भुला देना, इस जग में अकेला हूँ |
तेरे दर का भिखारी हूँ, मेरे दोष मिटा देना ||
...... बजरंग दया करके .......
Axact

HINDU ASTHA

हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है .

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