.

भीलवाड़ा । बातें करना और किसी काम को करने के लिए करना आसान हेै किन्तु मुष्किल उस काम को पूरा करना है। यह कहना है महामण्डलेष्वर स्वामी जगदीष पुरी महाराज का।अग्रवाल उत्सव भवन में चातुर्मास प्रवचन के दौरान आयोजित धर्मसभा को यमराज-निचिकेता प्रसंग पर उद्बोधित करते हुए स्वामी जी ने बताया     कि संसार में राय देने वाले व्यक्ति खूब है। होते हुए काम को कैसे बिगाडना है ये कई लोग करदेते हैं। किन्तु बिगडते हुए काम को सुधारने के लिए कोई नहीं मिलता। जीवन में उतार चढाव दोनों आते रहते हैं। जब व्यक्ति की परिस्थितियां विषम होती है तो उसे कई लोग अलग अलग तरह की राय दे देते हैं किन्तु साथ कोई नहीं देता। व्यक्ति को  विपरित परिस्थितियों में राय की कम साथ की आवष्यकता ज्यादा होती है। व्यक्ति को कैसे भी परिस्थिति हो सम रहना चाहिए। विपरित परिस्थितियों में लोगों पर भरोसा करने के बजाए स्वविवेक से किया गया कार्य ज्यादा उत्तम होता है। धर्मसभा को संत महेन्द्र चैतन्य ने  भजन से संगीतमय बनाया।संपूर्ण ब्राह्मण महिला मण्डल द्वारा चातुर्मास सेवा सप्ताह के अंतर्गत विभिन्न सेवाकार्य एवं आयोजन करवाये जा रहे हैं। समाज का चातुर्मास समिति के टी.सी. चैधरी, भरत व्यास व संजय निमोदिया आदि  ने स्वागत किया एवं अतिथियों ने माल्यार्पण कर महामण्डलेष्वर का आषीर्वाद प्राप्त किया।  समिति द्वारा आगामी 2 से 9 सितम्बर 2014 भागवत सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है जिसके यजमान बनने हेतु समिति सदस्यों से संपर्क किया जा सकता है।

पंकज पोरवाल
भीलवाड़ा
Axact

HINDU ASTHA

हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है .

Post A Comment: