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जाने तिथिका गणितीय आधार । जायदातार लोग भ्रमित है कि जन्माष्टमी कब मनाए ? मुहूर्त का नियम है जब कोई तिथि सूर्य उदय से प्रारम्भ होती है तथा लंबे समय चलती है तो वो तिथि पूर्ण कहलाती है । अगर कोई तिथि सूर्य उदय के बाद प्रारम्भ होती है तथा सूर्यसे पहले समाप्त हो जाती है तो वह तिथि क्षय कहलाती है । इस बार सप्तमी तिथि का क्षय हो रहा है । तथा अष्टमी की बृद्धि हो रही है । अष्टमी तिथि का प्रारम्भ 17 अगस्त को सूर्य उदय से पहले हो रहा है । तथा पूरी रात अष्टमी ही चलेगी । तथा 18 को सूर्य उदय के बाद तक भारत के कुछ शहरो मे चलेगी । इसी समय रात को 12 बजे भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा । तो गणितीय आधार पर 17 अगस्त को ही जन्माष्टमी मनानी चाहिए । अगर 18 को मनाते है तो नोमी की रात को भगवान का जन्म माना जाएगा । जो कि पूर्णरूपेण गलत होगा ।
 श्री बालाजी ज्योतिष कार्यालय सरदारशहर पंडित भींवाराम 9772550889
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HINDU ASTHA

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