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युवजनों व किशोरों में सकारात्मक सोच का विकसित होना जरूरी
बीकानेर। गोचर चरागाह विकास व पर्यावरण चेतना भीनासर आंदोलन तथा  राजस्थान सम्यक विकास परिवार थार का दो दिन का तीसवां वार्षिक उत्सव  संपन्न हो गया। पहले दिन 10 अगस्त को जागृति के प्रतीक थाली की झंकार  तथा घर घर में दीप उजास से शुरू हुआ यह आयोजन सायंकाल 7 बजे एक  जलती मशाल के साथ एक जुलूस के रूप में मुरली मनोहर गौशाला से मुरली  मनोहर मंदिर तक पर्यावरण चेतना के नारे लगाते हुए पहुंचा और वापिस  गौशाला परिसर में आम सभा के रूप में तब्दील हो गया।
बैठक की अध्यक्षता आंदोलन के सक्रिय कार्यकर्ता पूनमचंद कुम्हार ने की। 30  साल पहले रक्षा बंधन के दिन से शुरू इस आंदोलन की राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय  पहचान पर अध्यक्ष  पूनम कुम्हार ने रोशनी डाली। सदा की तरह सर्व धर्म प्रार्थना  शुरू हुए इस आयोजन में गौरीशंकर गहलोत ने बताया कि पर्यावरण की रक्षा  करना खुद को सुरक्षित रखने का ही एक तरीका है। जो हमें अपने जीवन में  उतारना चाहिए। उन्होंने इतिहास से सबक लेने की सलाह भी दी।  जयकिशन  गहलोत ने बताया कि इस आंदोलन से अन्य क्षेत्रों के लोग भी जागरूक हुए हैं  और जनहित के काम शुरू हुए हैं। उन्होंने बताया कि इसी आंदोलन प्रभावित हो  हमने कोडमदेसर गांव में पौधारोपण शुरू किया। श्री भवानी सोलंकी ने तीस  साल पहले के अपने तरूण काल को याद किया और बताया कि स्कूली  विद्यार्थियों ने किस तरह तब आंदोलन से जुड़कर जन पौधाशाला में काम किया  था। छोटे छोटे हाथों के बड़े बड़े कार्यों की तब सब ओर सराहना हुई थी। उन्होंने  कहा कि आज भी वैसी ही सजगता व सक्रियता रखनी होगी तभी पर्यावरण  संरक्षण व गोचर रक्षा हो सकेगी। रवि शर्मा व  बाल किशन सोलंकी ने गोचर  क्षेत्रा में आवारा कुत्तों के आंतक की समस्या रखते हुए बताया कि गोचर क्षेत्रा  में गायों का जाना संकट भरा हो गया है। इसी समस्या को मिलन गहलोत ने भी  उठाया और गंगाशहर के गोचर क्षेत्रा में पौध रोपण की जानकारी दी। उन्होंने  भाषण देने के साथ साथ काम करते रहने भी जरूरी बताया। आंदोलन के  सक्रिय कार्यकर्ता लक्ष्मीनारायण प्रजापत ने समस्याओं से विचलित नहीं होते हुए  जनहित के कार्यों में लगे रहने की सीख देते हुए कहा कि युवा व किशोरों की  सहभागिता को बढ़ाने के लिए हमें कुछ ठोस कार्य हाथ में लेने चाहिए। युवा  कार्यकर्ता  रवि राजपुरोहित ने सक्रिय होकर काम करने से आने वाले अ'छे  परिणामों का जिक्र किया और कहा कि इस वे इस दिशा में सबसे साथ जुड़कर  काम करते रहेंगे।  दीपचंद गहलोत ने भी युवाओं को पहल कर आगे आने की  अपील की।  रवि अग्रवाल ने कहा कि आंदोलन के लिए जब भी आवाज  उठेगी, युवजन सदा आगे रहेंगे। भीनासर आंदोलन के प्रमुख कार्यकर्ता व  पर्यावरणवादी शुभू पटवा ने बताया कि इस आंदोलन की अनवरत्तता के लिए  इतिहास को जानना, आज के किशोरों, तरूणों व युवजनों के लिए जरूरी है।  उन्होंने कहा कि हर रचनात्मक कार्यों के लिए सबका सहयोग लेने की जरूरत हैं  और युवजनों की भूमिका इन कार्यों में अधिक महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हमें  सामाजिक कार्यों के लिए अपने निजी आग्रहों को छोडऩा होगा तथा  सकारात्मक सोच का विकास करना होगा। आम सभा का समापन गोचर व  पर्यावरण संरक्षण में संकल्प तथा एक दूसरे की कलाई पर राखी बांधने के साथ  संपन्न हुआ। दूसरे दिन 11 अगस्त को आंदोलन के कार्यकत्र्तागण चरागाह क्षेत्र  में गये और गोचर-दर्शन के यह वार्षिक उत्सव संपन्न हुआ।




प्रभा बिस्सा
  बीकानेर
Axact

HINDU ASTHA

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