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अजमेर। प्रख्यात धर्मोपदेष्टा महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के 131वें बलिदान दिवस समारोह के उपलक्ष्य में ऋषि उद्यान की यज्ञ शाला में 6 दिवसीय ऋग्वेद पारायण यज्ञ सोमवार से शुरू हुआ। परोपकारिणी सभा के तत्वावधान में आयोजित ऋग्वेद पारायण यज्ञ मेंं परोपकारिणी सभा के कार्यकारी प्रधान डॉ़ धर्मवीर सपत्नीक मुख्य यजमान बने।
ऋर्षि उद्यान में आयोजित ऋग्वेद पारायण यज्ञ में ऋग्वेद के 8वें मण्डल से यज्ञ प्रारम्भ हुआ। यज्ञ में परोपकारिणी सभा के मंत्राी ओममुनि जी वानप्रस्त, श्री तपेन्द्र जी एवं श्री दिनेश नवाल सपत्नीक यज्ञ वेदी पर यजमान के रूप में उपस्थित हुए। डॉ़ रमेशमुनि यज्ञ के ब्रह्मा बने। गुरुकुल के ब्रह्मचारियों ने ऋग्वेद का पाठ किया। यज्ञ शाला में उपस्थित आश्रमवासियों एवं उपस्थित जनसमूह ने भी ऋग्वेद की रिचाआें का पाठ किया। यज्ञ के ब्रह्मा डॉ़ रमेशमुनि ने इस अवसर पर उपस्थित श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि ऋग्वेद विश्व की प्राचीनतम पुस्तक है। इस वेद का मुख्य विषय ज्ञान है। ऋग्वेद के आठवें मण्डल में सम्मिलित ज्ञान और पांच देवताओं के बारे में बताया गया है। यह पांच देवता पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश है। परोपकारिणी सभा के अनुसार यह यज्ञ प्रतिदिन सुबह व शाम जारी रहेगा।
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