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    जयपुर। महावीर नगर के हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का समापन शनिवार को सुदामा चरित्र व शुकदेव  की विदाई सहित अन्य प्रसंगो के साथ हुआ। इस दौरान कथा प्रसंग के बीच में महाराज श्री ने भजनो, गोविन्द बोलो... जय गोपाल बोलो जैसे संर्कीतन के द्वारा वातावरण को भक्ति मय बना दिया। इस अवसर पर  इस अवसर पर श्रीश्री 1008 श्री रामदुलारे दास जी महाराज (बंशीवाले) ने कहा कि जीवन में मित्रता श्री कृष्ण व सुदामा की तरह होनी चाहिये। भगवान श्री कृष्ण राजा होते हुये भी उन्होने कोई संकोच नहीं करते हुये अपने गरीब मित्र सुदामा के स्वागत के लिये दौड़े-दौड़े चले आये और उन्होने सुदामा की पूरी आवभगत करते हुये उनकी पूरी सहायता की। जीवन में सच्चा मित्र वहीं है जो सकंट के समय अपने मित्र की सहायता करे और मित्र को सही मार्ग पर लगाये। उन्होने यह कहा कि श्रीमद् भागवत के उपदेश हम सभी को जीवन जीने का संदेश देते है। जो इसका रोजाना स्मरण करता है उसका जीवन सुख मय हो जाता है।
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