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 जगह-जगह मेले लगे , पूजन सामग्रियों का किया विसर्जन
 बीकानेर । 16 दिवसीय गणगौर पूजन के पश्चात आज कुंवारी कन्याओं व विवाहित महिलाओं ने उत्साह के साथ गवरजा   को विदा किया। इस अवसर पर दो दिवसीय मेला सम्पन्न हुआ, जिसमें पूजन सामग्रियों का विसर्जन भी किया गया।
ढोल नगाड़ों की धुन पर नाचती गाती महिलाओं व युवतियों ने स्थानीय जस्सूसर गेट के अंदर, सिटी कोतवाली के सामने,   चौतीना कुआं पर पूजन सामग्रियां का विसर्जन कर मेले का लुत्फ उठाया। मेले के दौरान लगी अस्थाई दुकानों पर बच्चों ने   खरीददारी की व गणगौर पूजन करने वाली महिलाओं व युवतियों ने गोठ की। इस मौके पर झूले भी झूले। उधर सायं   शाही लवाजमे के साथ गवरजा माता की सवारी निकली वहीं विभिन्न स्थानों पर लगे मेलों में बालिकाओं-विवाहिताओं ने   पूजन सामग्री का विसर्जन कर गवरजा को विदाई दी। उधर जूनागढ़ से शाही लवाजमे के साथ शाही गवरजा की सवारी   निकली। रायसिंह बैण्ड की धुनों पर मारवाड़ी गीत अपनी स्वर लहरियां बिखेर रहे थे। राजसी परंपराओं के तहत गवरजा   को चौतीना कुआं ले जाया गया, जहां पर गवरजा का पूजन कर पानी पिलाने की रस्म अदायगी की गयी। इस कारण   शाम को चौतीना कुआं पर महिलाओं की विशेष भीड़ नजर आई।
उधर ढढ्ढड्ढों के चौक में सायं चांदमल ढढ्ढड्ढा की गवर भी निकली। गणगौरी तीज पर जस्सूसर गेट के अंदर, नया कुआं,   चौतीना कुआं, भीनासर सहित विभिन्न स्थानों पर मेले भरे गये। इन स्थानों पर पिछले 16 दिनों से पूजन कर रही सामग्री   का विसर्जन किया गया। सुबह से ही बालिकाओं-महिलाओं ने घरों में गणगौर का पूजन किया। बाद में रंगबिरंगी   परिधानों में सज धज कर ये समूह के रूप में ढोल ताशों पर थिरकती हुई, गणगौर के गीत गाती हुई मेला स्थल पर पहुंची   और पूजन सामग्री को विसर्जित किया बाद में इन बालिकाओं ने मेला स्थल पर झूले झूलकर, खाद्य सामग्रियों का सेवन   कर लुत्फ उठाया। मेला स्थलों पर भारी तादाद में खाने पीने की अस्थाई स्टाले लगी हुई थी। वहीं युवतियों को देखकर कई   मनचले भी मेलों में अपनी फितरत करने से बाज नहीं आ रहे थे। हालांकि पुलिस व्यवस्था की गयी थी परंतु पुलिस का   ध्यान महज वाहनों को रोकने तक ही सीमित था।

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HINDU ASTHA

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