.


पंद्रह दिवसीय अनुष्ठान सम्पन्न
बीकानेर।
सुख-संपति, धन-धान्य और अखण्ड सुहाग की मनोकामना के साथ धींगा गवरजा का पंद्रह दिवसीय अनुष्ठान  मंगलवार को सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर घर-घर में गवरजा का विशेष श्रृंगार और महाआरती की गई। गवरजा को  चूरमा, सांगरी की सब्जी, फोगले का रायता, पान और सूखे मेवों का विशेष भोग लगाया गया। मेहंदी, मोळी, धूप, दीप,  नैवेद्य, इत्र, अक्षत, रोली, चंदन आदि चढ़ाकर सर्वसुख की मनोकामना की गई।
    आचार्यों के चौक स्थित जेसराज आचार्य भवन में भी पंद्रह दिवसीय अनुष्ठान का समापन हुआ। पुष्पा देवी  आचार्य के नेतृत्व में धींगा गवरजा को पूजने वाली महिलाओं ने चार-पांच घंटे तक गवरजा की धूमधाम से पूजा की।  दीवार पर उकेरे गए गवरजा, ईसर और भाया के चित्र की पूजा अर्चना के साथ गवरजा की काष्ठ प्रतिमा का नख से शिख  तक विशेष श्रृंगार किया गया। उन्होंने बताया कि बताया कि धींगा गवरजा पूजन का विशेष महात्म्य है। सुहागिनें अपने  अखण्ड सुहाग की कामना के लिए पंद्रह दिनों तक गवरजा माता की पूजा करती है। अनेक पौराणिक कथाओं के अनुसार  सुहागिनों के लिए गणगौर की पूजा करना विशेष फलदायी माना जाता है। उन्होंने बताया कि पंद्रह दिनों तक गवरजा माता  के विभिन्न भजनों, लोकगीतों और फिल्मी धुनों पर बने पैरोड़ी गीतों से माहौल भक्तिमय रहा।
     इस अवसर पर शीलू देवी, गंगा आचार्य, शालिनी, शारदा, सुमित्र देवी, प्रियंका, मधु, विजय लक्ष्मी, आशा और  अन्य महिलाओं ने गवरजा की पूजा अर्चना की।

Axact

HINDU ASTHA

हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है .

Post A Comment: