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रिपोर्ट - जितेश सोनी 
चूरू। इन्द्रमणी भवन में चल रही भागवत कथा में प्रवचन देते हुए कथावाचक राघव ऋषि महाराज ने कहा कि जीव प्रभु की भक्ति करता है। तो उसे शक्ति मिलती है। उस पर कृपा करने के लिए भगवान स्वयं वामन के रूप में पधारते है।परमात्मा जब द्वार पर पधारते है तो तीन कदम पृथ्वी अर्थात तन,मन,धन जीव से मांगते है। तन से सेवा,मन से सुमिरन व धन से सेवा जो बलि की भांति करता है। भगवान उसके द्वारपाल बनते है। वहीं अक्षुण्ण साम्राज्य को प्राप्त करता है। इस अवसर पर अरूण कुमार शर्मा, अनिल कल्याणी, नवलकिशोर, आरसी गुप्ता, ताराचन्द बांठियां, महेश पारिक, डाॅ.अनुराग पारीक, सांवरमल महर्षि, हुक्मीचन्द लोहिया, भंवरसिंह भाटी, राजा नाई, आशुतोष शर्मा, इन्द्रचन्द दुधवेवाला, शंकर शर्मा, ओमप्रकाश,दीपक शर्मा, बाल कल्याण विकास समिति अध्यक्षा सन्तोष मासूम आदि ने कथावाचक का स्वागत किया। 
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