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💠💠✳️✴️✴️✴️✳️✳️✳️✴️✴️✴️✳️💠💠गुप्त नवरात्रि इस बार 12 फरवरी शुक्रवार से शुरू हो रहे हैं.
सनातन धर्मावलंबी माघ शुक्ल पक्ष प्रतिपदा  12 फरवरी 2021  नवरात्रि पूजा करेंगे। अगले नौ दिनों तक मां दुर्गा की आराधना में श्रद्धालु लीन रहेंगे।माघ नवरात्रि में तंत्र साधना की प्रधानता के  कारण इसे गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है। इस दौरान साधक दस महाविद्याओं की साधना करेंगे।
चैत्र या वासंतिक नवरात्र और अश्विन या शारदीय नवरात्रों के बारे में सभी जानते हैं।  लेकिन इसके अतिरिक्त दो और भी नवरात्र हैं जिनमे विशेष कामनाओं की सिद्धि की जाती है।  कम लोगों को इसके बारे में जानकारी होने और इसके पीछे छिपे रहस्यमयी कारणों की वजह से इन्हें गुप्त नवरात्रि कहते हैं।

💠क्या आप जानते हैं ?
वर्ष में दो बार होते हैं गुप्त नवरात्रि

✴️ कुल मिलाकर वर्ष में चार नवरात्र होते हैं।  यह चारों ही नवरात्र ऋतु परिवर्तन के समय मनाए जाते हैं. महाकाल संहिता और तमाम शाक्त ग्रंथों में इन चारों नवरात्रों का महत्व बताया गया है।  इसमें विशेष तरह की इच्छा की पूर्ति तथा सिद्धि प्राप्त करने के लिए पूजा और अनुष्ठान किया जाता है।
✳️ जाने शुभ मुहूर्त :-

कलश स्थापना का मुहूर्त
12 फरवरी को सुबह 08.30 बजे से सुबह 11:18 बजे तक लाभ अमृत
अभिजीत 12:20 से01:05 तक

                    ✳️✴️  मंत्र होगा ✴️✳️

             "ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुंडाय विच्चे"

💠 गुप्त नवरात्र में होती हैं इन देवियों की पूजा
1. मां काली,2. तारादेवी,3. त्रिपुर सुंदरी,
4.भुवनेश्वरी माता, 5.छिन्न माता,6. त्रिपुर भैरवी मां, 7.धुमावती माता,8. बगलामुखी, 9.मातंगी ,
10.कमला देवी इन 10 देवियों का पूजन करते हैं।

✳️✴️विशेष जानकारी के लिए संपर्क करें !✴️✳️

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पंडित :- भानुप्रकाश शास्त्री
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महाकाल ज्योतिष, जड़ाऊ मेड़ता, नागौर(राज.)

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HINDU ASTHA

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