दूसरा श्लोक ( भगवत गीता ) Unknown at नवंबर 23, 2014 गीतासार श्लोक, Geeta saar shlok, . संजय उवाच दृष्टवा तु पाण्डवानीकं व्यूढं दुर्योधनस्तदा । आचार्यमुपसंगम्य राजा वचनमब्रवीत् ॥ भावार्थ : संजय बोले- उस समय राजा दुर्योधन ने व्यूहरचनायुक्त पाण्डवों की सेना को देखा और द्रोणाचार्य के पास जाकर यह वचन कहा॥2॥ Nextनई पोस्ट Previousपुरानी पोस्ट HINDU ASTHA हमारी कोशिश आपको सही बात पहुंचाने की है . गीतासार श्लोक Geeta saar shlok
Post A Comment: