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विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विजय बासोतिया की राज्यपाल से भेंट

Highlights of the Meeting with the Governor


विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. विजय बासोतिया की राज्यपाल से शिष्टाचार भेंट — ‘विकसित भारत 2047’ पर सांस्कृतिक, सामाजिक एवं वैचारिक विमर्श

जयपुर। देश के अग्रणी संगठन विप्र फाउंडेशन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष, वरिष्ठ उपाध्यक्ष गौड़ ब्राह्मण महासभा राजस्थान ,वरिष्ठ समाजसेवी एवं विचारक डॉ. विजय बासोतिया (Dr. Vijay Basotia)  ने आज राजस्थान के राज्यपाल माननीय श्री हरिभाऊ बागड़े से राजभवन में शिष्टाचार भेंट की। यह भेंट केवल औपचारिक न रहकर, एक सारगर्भित विमर्श में परिणत हुई, जिसमें विकसित भारत 2047 के संकल्प, सामाजिक उत्तरदायित्व, युवा सशक्तिकरण और सांस्कृतिक पुनर्जागरण पर गहन विचार-विमर्श हुआ। 


डॉ. बासोतिया ने राज्यपाल की संविधान प्रदत्त भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि वे न केवल संवैधानिक संरक्षक हैं, बल्कि समाज में न्याय, समानता और लोकतांत्रिक मूल्यों के सशक्त प्रेरक हैं। उन्होंने कहा कि राज्यपाल श्री बागड़े का अनुभव व चिंतन, विशेषकर जनसेवा और सांस्कृतिक चेतना के क्षेत्र में, समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत है।

Dr. Vijay Basotia’s Vision for Youth Empowerment


इस अवसर पर डॉ. बासोतिया ने राजस्थान सरकार की ‘राइजिंग राजस्थान’ जैसी विकासोन्मुख पहलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों से न केवल औद्योगिक विकास को बल मिला है, बल्कि विप्र समाज सहित पूरे राज्य के युवाओं में स्वरोजगार और उद्यमिता की नई ऊर्जा का संचार हुआ है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि विप्र फाउंडेशन युवाओं को स्वावलंबन की दिशा में प्रेरित करने हेतु विभिन्न स्तरों पर कार्य कर रहा है, जिससे आत्मनिर्भर भारत की नींव और सुदृढ़ हो।


डॉ. बासोतिया ने राज्यपाल को बताया कि वे स्वयं अनेक उद्यमियों एवं संभावित निवेशकों के साथ सतत संवाद कर रहे हैं, ताकि राजस्थान में निवेश की संभावनाएं और अधिक सशक्त हों। उन्होंने कहा कि विप्र फाउंडेशन की पहल पर कई नवाचारों को प्रोत्साहन मिला है, जो आने वाले वर्षों में भारत के औद्योगिक और सांस्कृतिक नेतृत्व को नई दिशा देंगे।


राज्यपाल श्री बागड़े ने विप्र फाउंडेशन की गतिविधियों एवं डॉ. बासोतिया के विचारों की प्रशंसा करते हुए कहा कि सामाजिक जागरूकता और जिम्मेदार नेतृत्व ही राष्ट्र के सतत विकास की कुंजी हैं। उन्होंने 'विकसित भारत 2047' को केवल एक आर्थिक अभियान न मानते हुए उसे भारत के सांस्कृतिक उत्थान का एक युगांतकारी संकल्प बताया।


डॉ. बासोतिया ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रस्तुत ‘विकसित भारत 2047’ के विजन को एक परिवर्तनकारी पहल बताते हुए कहा कि भारत केवल आर्थिक दृष्टि से नहीं, अपितु सांस्कृतिक, नैतिक और वैचारिक दृष्टि से भी एक वैश्विक महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है। उन्होंने राज्यपाल को आश्वस्त किया कि विप्र फाउंडेशन, विशेष रूप से युवा वर्ग, उद्यमियों एवं समाज के सभी वर्गों को इस दिशा में संगठित करने के लिए कटिबद्ध है।


यह मुलाक़ात लगभग 20 मिनट तक चली, जिसमें अनेक नीतिगत, सामाजिक, आर्थिक एवं सांस्कृतिक विषयों पर गहन विचार-विमर्श हुआ। अंत में डॉ. बासोतिया ने राज्यपाल को शुभकामना भेंट अर्पित की और उनके दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य एवं प्रेरणादायी नेतृत्व की मंगलकामना की।