दिनांक - 19 जुलाई 2025
दिन - शनिवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा ॠतु
मास - श्रावण
पक्ष - कृष्ण
तिथि - नवमी दोपहर 02:41 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - भरणी रात्रि 12:37 तक तत्पश्चात कृत्तिका
योग - शूल रात्रि 12:55 तक तत्पश्चात गण्ड
राहुकाल - सुबह 09:26 से सुबह 11:06 तक
सूर्योदय - 05:50
सूर्यास्त - 07:21
दिशाशूल - पूर्व दिशा मे
*व्रत पर्व विवरण -
विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
ब्रह्म पुराण' के 118 वें अध्याय में शनिदेव कहते हैं- 'मेरे दिन अर्थात् शनिवार को जो मनुष्य नियमित रूप से पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उनके सब कार्य सिद्ध होंगे तथा मुझसे उनको कोई पीड़ा नहीं होगी। जो शनिवार को प्रातःकाल उठकर पीपल के वृक्ष का स्पर्श करेंगे, उन्हें ग्रहजन्य पीड़ा नहीं होगी।' (ब्रह्म पुराण')
शनिवार के दिन पीपल के वृक्ष का दोनों हाथों से स्पर्श करते हुए 'ॐ नमः शिवाय।' का 108 बार जप करने से दुःख, कठिनाई एवं ग्रहदोषों का प्रभाव शांत हो जाता है। (ब्रह्म पुराण')
हर शनिवार को पीपल की जड़ में जल चढ़ाने और दीपक जलाने से अनेक प्रकार के कष्टों का निवारण होता है ।(पद्म पुराण)
अर्थप्रद सोमवार व्रत
स्कंद पुराण में अर्थप्रद व्रत बताया है जिससे अर्थ की प्राप्ति हो और जीवन में से अनर्थ दूर हो | किसी भी सोमवार को शिवजी के मंदिर में जाकर, शिवलिंग पर दूध, बेलपत्र चढ़ाये और आठ नामों से शिवजी को प्रणाम करें | ये आठ मंत्र स्कंद पुराण में शिवजी के लिए बताये है कि भगवान शिवजी को को स्मरण करते हुये, उनको प्रणाम करते हुए आठ मंत्र बोले | आठ मंत्र इसप्रकार है –
ॐ दशभुजाय नम:
ॐ त्रिनेत्राय नम:
ॐ पंचवदनाय नम:
ॐ शूलिने नम:
ॐ श्वेतवृषभारूढाय नम :
ॐ सर्वाभरणभूषिताय नम:
ॐ उमादेहार्द्धस्थाय नम:
ॐ सर्वमूर्तये नम:
हर सोमवार को दूध, जल चढाते हुये बोले | ये व्रत बहेने भी कर सकती है |
शक्तिवान बनने
खाली पेट अथवा भोजन के बीच आँवले का रस, मिश्री और घी थोडा-सा लेने से बलवान बन जायेगा, शक्तिवान बन जायेगा |
किसकी आयु कम हो जाती है
जिनको अति अभिमान होता है, जो अधिक एवं व्यर्थ का बोलते हैं उनकी आयु कम हो जाती है |
जो निंदा-ईर्ष्या करते है या दुर्व्यसन में फँसे हैं अथवा जो जरा-जरा बात में क्रुद्ध हो जाते हैं उनकी भी उम्र कम हो जाती है |
जो अधिक खाना खाते हैं, रात को देर से खाते हैं, बिनजरूरी खाते हैं, चलते-चलते खाते हैं, खड़े-खड़े हैं उनका भी स्वास्थ्य लडखडा जाता है और आयु कम हो जाती है |
जो मित्र, परिवार से द्रोह करते हैं, संतो, सज्जनों की निंदा करते है उनकी भी आयु कम होती है, जो ठाँस- ठाँस के खाता है, ब्रह्मचर्य का नाश करता रहता है वह जल्दी मरता है |
जो प्राणायाम और भगवद- मंत्र का जप नहीं करता उसकी लम्बी आयु होने में संदेह रहता है और जो ब्रह्मचर्य पालते हैं, प्राणायाम करते हैं उनकी आयु बढती है |