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आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 20 JULY 2025

 


   दिनांक - 20 जुलाई 2025

  दिन -  रविवार

  विक्रम संवत 2082

  शक संवत -1947

  अयन - दक्षिणायन

  ऋतु - वर्षा ॠतु 

  मास - श्रावण

  पक्ष - कृष्ण 

  तिथि - दशमी दोपहर 12:12 तक तत्पश्चात एकादशी

  नक्षत्र - कृत्तिका रात्रि 10:53 तक तत्पश्चात रोहिणी

  योग - गण्ड रात्रि 09:48  तक तत्पश्चात वृद्धि

  राहुकाल - शाम 05:43 से शाम 07:22 तक

  सूर्योदय - 05:50

  सूर्यास्त -  07:21

  दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे

  *व्रत पर्व विवरण - 

  विशेष - रविवार के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)


  रविवार के दिन मसूर की दाल, अदरक और लाल रंग का साग नहीं खाना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75.90)


  रविवार के दिन काँसे के पात्र में भोजन नहीं करना चाहिए।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, श्रीकृष्ण खंडः 75)


  स्कंद पुराण के अनुसार रविवार के दिन बिल्ववृक्ष का पूजन करना चाहिए। इससे ब्रह्महत्या आदि महापाप भी नष्ट हो जाते हैं।


  चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)


  चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।


  एकादशी व्रत के लाभ  


  20 जुलाई 2025 रविवार को दोपहर 12:12 से 21 जुलाई, सोमवार को सुबह 09:38 तक एकादशी है।


  विशेष - 21 जुलाई 2025 सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।


 जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

  जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण- दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।


  एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख- शांति बनी रहती है ।


  धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।


  कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।


  परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।



  एकादशी के दिन करने योग्य  


  एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें       .... विष्णु सहस्त्र नाम नहीं हो तो १० माला गुरुमंत्र का जप कर लें l अगर घर में झगडे होते हों, तो झगड़े शांत हों जायें ऐसा संकल्प करके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें तो घर के झगड़े भी शांत होंगे l

        


  एकादशी के दिन ये सावधानी रहे  


  महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो  चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा