दिनांक - 21 जुलाई 2025
दिन - सोमवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा ॠतु
मास - श्रावण
पक्ष - कृष्ण
तिथि - एकादशी सुबह 09:38 तक तत्पश्चात द्वादशी
नक्षत्र - रोहिणी रात्रि 09:07 तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग - वृद्धि शाम 06:39 तक तत्पश्चात ध्रुव
राहुकाल - शाम 07:47 से शाम 09:27 तक
सूर्योदय - 05:51
सूर्यास्त - 07:22
दिशाशूल - पूर्व दिशा मे
व्रत पर्व विवरण - कामिका एकादशी
विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
23 जुलाई को मासिक शिवरात्रि के साथ अक्षय पुण्यप्रदायक योग मे इन मंत्रो का जप करे समृद्धि बढेगी
कामिका एकादशी
20 जुलाई 2025 रविवार को दोपहर 12:12 से 21 जुलाई, सोमवार को सुबह 09:38 तक एकादशी है।
विशेष - 21 जुलाई 2025 सोमवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखें।
कामिका एकादशी ( व्रत व रात्रि – जागरण करनेवाला मनुष्य न तो कभी भयंकर यमराज का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है | व्रत से सम्पूर्ण पृथ्वी के दान के समान फल मिलता है | यह एकादशी सब पातकों को हरनेवाली है तथा इसके स्मरणमात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है | )
आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो
➡ 22 जुलाई 2025 मंगलवार को भौम प्रदोष योग है ।
किसी को आर्थिक परेशानी या कर्जा हो तो भौम प्रदोष योग हो, उस दिन शाम को सूर्य अस्त के समय घर के आसपास कोई शिवजी का मंदिर हो तो जाए और ५ बत्ती वाला दीपक जलाये और थोड़ी देर जप करें :
ये मंत्र बोले :–
ॐ भौमाय नमः
ॐ मंगलाय नमः
ॐ भुजाय नमः
ॐ रुन्ह्र्ताय नमः
ॐ भूमिपुत्राय नमः
ॐ अंगारकाय नमः
और हर मंगलवार को ये मंगल की स्तुति करें:-
धरणी गर्भ संभूतं विद्युत् कांति समप्रभम |
कुमारं शक्ति हस्तं तं मंगलम प्रणमाम्यहम ||
कर्ज-निवारक कुंजी भौम प्रदोष व्रत
त्रयोदशी को मंगलवार उसे भौम प्रदोष कहते हैं ....इस दिन नमक, मिर्च नहीं खाना चाहिये, इससे जल्दी फायदा होता है | मंगलदेव ऋणहर्ता देव हैं। इस दिन संध्या के समय यदि भगवान भोलेनाथ का पूजन करें तो भोलेनाथ की, गुरु की कृपा से हम जल्दी ही कर्ज से मुक्त हो सकते हैं। इस दैवी सहायता के साथ थोड़ा स्वयं भी पुरुषार्थ करें। पूजा करते समय यह मंत्र बोलें –
मृत्युंजयमहादेव त्राहिमां शरणागतम्। जन्ममृत्युजराव्याधिपीड़ितः कर्मबन्धनः।।