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आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 19 AUGUST 2025

  


 आज का हिन्दू पंचांग  

   दिनांक - 19 अगस्त 2025

  दिन -  मंगलवार

 विक्रम संवत 2082

  शक संवत -1947

  अयन - दक्षिणायन

  ऋतु - वर्षा ॠतु 

  मास - भाद्रपद

  पक्ष - कृष्ण 

  तिथि - एकादशी शाम 03:32 तक तत्पश्चात द्वादशी

 नक्षत्र - आर्द्रा 20 अगस्त रात्रि 01:07 तक तत्पश्चात पुनर्वसु 

  योग - वज्र रात्रि 08:30 तक तत्पश्चात सिद्धि

  राहुकाल - शाम 03:54 से शाम 05:30 तक

  सूर्योदय - 06:06

  सूर्यास्त -  07:02

  दिशाशूल - उत्तर दिशा मे

 व्रत पर्व विवरण - अजा एकादशी,मंगलागौरी पूजन (अमावस्यांत)

   एकादशी विशेष  


पंडित रामगोपाल डोलियां द्वारा संकलित


  विष्णु सहस्रनाम का पाठ – पुण्य का स्रोत


हर एकादशी के दिन श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख, शांति एवं समृद्धि बनी रहती है।


  मंत्र:

"राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे।

सहस्त्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने॥"


  आज एकादशी के दिन इस मंत्र का पाठ करने से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान फल प्राप्त होता है।


  एकादशी के नियम


  इस दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।

  चावल व साबूदाना का सेवन वर्जित है।

  शिम्बी (सेम) का सेवन वर्जित है – अन्यथा पुत्र हानि का भय होता है।

  जो भक्त दोनों पक्षों की एकादशियों पर आंवले के रस से स्नान करते हैं, उनके समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं।


  अजा एकादशी – 19 अगस्त 2025, मंगलवार


यह व्रत समस्त पापों का नाश करने वाला है।

  इस व्रत का माहात्म्य पढ़ने और सुनने मात्र से अश्वमेध यज्ञ का फल प्राप्त होता है।


  व्यतिपात योग – 20 अगस्त शाम 06:13 से 21 अगस्त शाम 04:14 तक


वाराह पुराण में वर्णित – इस काल में किया गया जप, प्राणायाम और ध्यान 1 लाख गुना फल देता है।

विशेषतः सूर्यनारायण की उपासना हेतु यह समय अति शुभ है।


  प्रदोष व्रत – 20 अगस्त 2025, बुधवार


भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने हेतु यह व्रत अति प्रभावशाली है।


पूजा विधि:


प्रातः स्नान कर शिव-पार्वती व नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।


बेलपत्र, गंध, पुष्प, धूप-दीप, नैवेद्य अर्पित करें।


दिनभर निराहार रहें (या फलाहार)। संध्या को पुनः पूजन करें।


घी व शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं।


आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं, आरती करें।


ब्रह्मचर्य का पालन करें।


उपाय:


 प्रातःकाल स्नान कर तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्घ्य दें।

उसमें आकड़े के फूल मिलाएं – यह शिवजी को अत्यंत प्रिय है।

  इस उपाय से भाग्योदय होता है और भगवान शिव व सूर्यदेव की कृपा प्राप्त होती है।

पंडित रामगोपाल डोलियां