Hindu Astha

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 18 AUGUST 2025

 


 आज का हिन्दू पंचांग  


  दिनांक - 18 अगस्त 2025

  दिन -  सोमवार

 विक्रम संवत 2082

  शक संवत -1947

 अयन - दक्षिणायन

  ऋतु - वर्षा ॠतु 

 मास - भाद्रपद

 पक्ष - कृष्ण 

  तिथि - दशमी शाम 05:22 तक तत्पश्चात एकादशी

  नक्षत्र - मृगशिरा 19 अगस्त रात्रि 02:06 तक तत्पश्चात आर्द्रा 

  योग - हर्षण रात्रि 11:00 तक तत्पश्चात वज्र

  राहुकाल - सुबह 07:54 से सुबह 09:30 तक

  सूर्योदय - 06:05

  सूर्यास्त -  07:03

  दिशाशूल - पूर्व दिशा मे

  व्रत पर्व विवरण - 

  विशेष - चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)

  चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।

            



  एकादशी व्रत के लाभ  

  18 अगस्त 2025 सोमवार को शाम 05:22 से 19 अगस्त 2025 मंगलवार को शाम 03:32 तक एकादशी है।

  विशेष - 19 अगस्त, मंगलवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।

  जो पुण्य सूर्यग्रहण में दान से होता है, उससे कई गुना अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

  जो पुण्य गौ-दान सुवर्ण-दान, अश्वमेघ यज्ञ से होता है, उससे अधिक पुण्य एकादशी के व्रत से होता है ।

  एकादशी करनेवालों के पितर नीच योनि से मुक्त होते हैं और अपने परिवारवालों पर प्रसन्नता बरसाते हैं ।इसलिए यह व्रत करने वालों के घर में सुख-शांति बनी रहती है ।

  धन-धान्य, पुत्रादि की वृद्धि होती है ।

  कीर्ति बढ़ती है, श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, जिससे जीवन रसमय बनता है ।

  परमात्मा की प्रसन्नता प्राप्त होती है ।पूर्वकाल में राजा नहुष, अंबरीष, राजा गाधी आदि जिन्होंने भी एकादशी का व्रत किया, उन्हें इस पृथ्वी का समस्त ऐश्वर्य प्राप्त हुआ ।भगवान शिवजी  ने नारद से कहा है : एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं, इसमे कोई संदेह नहीं है । एकादशी के दिन किये हुए व्रत, गौ-दान आदि का अनंत गुना पुण्य होता है ।

   


  एकादशी के दिन करने योग्य  

  एकादशी को दिया जलाके विष्णु सहस्त्र नाम पढ़ें     


 


  एकादशी के दिन ये सावधानी रहे  

  महीने में १५-१५ दिन में  एकादशी आती है एकादशी का व्रत पाप और रोगों को स्वाहा कर देता है लेकिन वृद्ध, बालक और बीमार व्यक्ति एकादशी न रख सके तभी भी उनको चावल का तो त्याग करना चाहिए एकादशी के दिन जो  चावल खाता है... तो धार्मिक ग्रन्थ से एक- एक चावल एक- एक कीड़ा खाने का पाप लगता है...ऐसा डोंगरे जी महाराज के भागवत में डोंगरे जी महाराज ने कहा


  पंडित रामगोपाल डोलियां