आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक - 17 अगस्त 2025
दिन - रविवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - वर्षा ॠतु
मास - भाद्रपद
पक्ष - कृष्ण
तिथि - नवमी शाम 07:24 तक तत्पश्चात दशमी
नक्षत्र - रोहिणी 18 अगस्त रात्रि 03:17 तक तत्पश्चात मृगशिरा
योग - व्याघात 18 अगस्त रात्रि 01:40 तक तत्पश्चात हर्षण
राहुकाल - शाम 05:31 से शाम 07:07 तक
सूर्योदय - 06:03
सूर्यास्त - 07:03
दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे
व्रत पर्व विवरण - विष्णुपदी-सिंह संक्राति (पुण्यकाल : सूर्योदय से दोपहर 12:31 तक)
विशेष - नवमी को लौकी खाना गोमांस के समान त्याज्य है।(ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-34)
चतुर्मास के दिनों में ताँबे व काँसे के पात्रों का उपयोग न करके अन्य धातुओं के पात्रों का उपयोग करना चाहिए।(स्कन्द पुराण)
चतुर्मास में पलाश के पत्तों की पत्तल पर भोजन करना पापनाशक है।
विष्णुपदी-सिंह संक्रांति
जप तिथि : 17 अगस्त 2025 रविवार को (विष्णुपदी संक्रांति)
पुण्यकाल सूर्योदय से दोपहर 12:31 से तक |
विष्णुपदी संक्रांति में किये गये जप-ध्यान व पुण्यकर्म का फल लाख गुना होता है | – (पद्म पुराण , सृष्टि खंड)
बरकत लाने की सरल कुंजियाँ
बाजार भाव अचानक बढ़ने-घटने से, मंदी की वजह से या अन्य कारणों से कईयों का धंधा बढ़ नहीं पाता | ऐसे में आपके काम-धंधे में भी बरकत का खयाल रखते हुए कुछ सरल उपाय प्रस्तुत कर रही है |
१] ईशान कोण में तुलसी का पौधा लगाने व पूजा- स्थान पर गंगाजल रखने से बरकत होती है |
२] दुकान में बिक्री कम होती हो तो कनेर का फूल घिस के उसका ललाट पर तिलक करके दुकान पर जायें तो ग्राहकी बढ़ेगी |
३] रोज भोजन से पूर्व गोग्रास निकालकर गाय को खिलाने से सुख-समृद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि होती है |
४] ईमानदारी से व्यवहार करें | ईमानदारी से उपार्जित किया हुआ धन स्थायी रहता है |
टूटे कांच व बंद हुई घड़ी ना रखे
घर के दरवाजे में या खिड़कियों में टूटे कांच हैं तो बीमारी के द्योतक हैं, उनको तुरंत बदल दें.....घर में टूटे हुए कांच का सामान हो तो उसे निकाल दें......बंद पड़ी हुई घड़ियाँ होगीं तो उन को सुधार के ठीक कर लें या बिगड़ गयी हैं तो फ़ेंक दें.....पुराने कपड़े जो आप नहीं पहनते उन को बाँट दो, अथवा यथा योग्य विसर्जन कर दो .....पुरानी चाबियाँ, पुराने ताले जो काम में नहीं आते, घर में नहीं रखें.......ऐसे चीजे नकारात्मक ऊर्जा पीड़ा करती हैं........घर में जो चीजें अनावश्यक हैं उन की सफाई कर दो ।
बारिश की सर्दी मिटाने के लिए
बारिश की सर्दी लगने का अंदाजा हो तो एक लौंग मुंह में रख देना चाहिये और घर जाकर मत्था जल्दी पोंछ लेना चाहिये । बदन सूखा कर लेना चाहिये और बांये करवट थोड़ा लेट के दायाँ श्वास चालू रखना चाहिये । इससे बारिश में भीगने का असर नहीं होगा ।
पंडित रामगोपाल डोलियां
