आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक - 07 सितम्बर 2025
दिन - रविवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - शरद ॠतु
मास - भाद्रपद
पक्ष - शुक्ल
तिथि - पूर्णिमा रात्रि 11: 38 तक तत्पश्चात प्रतिपदा
नक्षत्र - शतभिषा रात्रि 09:41 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
योग - सुकर्मा सुबह 09:23 तक तत्पश्चात धृति
राहुकाल - शाम 05:16 से शाम 06:49 तक
सूर्योदय - 06:16
सूर्यास्त - 06:42
दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे
व्रत पर्व विवरण - व्रत पूर्णिमा,भाद्रपद पूर्णिमा,प्रौष्ठपदी पूर्णिमा,संयासी चतुर्मास समाप्त,पितृपक्ष प्रारंभ,महालय श्राद्ध आरंभ,पूर्णिमा का श्राद्ध,पंचक,खग्रास चंद्रग्रहण (भारत मे दिखेगा,ग्रहण के नियम पालनीय है) (ग्रहण समय : रात्रि 09:57 से मध्यरात्रि 01:26 तक)
विशेष - पूर्णिमा व व्रत और रविवार के दिन तिल का तेल खाना और लगाना निषिद्ध है। (ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्म खंडः 27.29-38)
श्राद्ध के लिए विशेष मंत्र
" ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं स्वधादेव्यै स्वाहा । "
इस मंत्र का जप करके हाथ उठाकर सूर्य नारायण को पितृ की तृप्ति एवं सदगति के लिए प्रार्थना करें । स्वधा ब्रह्माजी की मानस पुत्री हैं । इस मंत्र के जप से पितृ की तृप्ति अवश्य होती है और श्राद्ध में जो त्रुटी रह गई हो वे भी पूर्ण हो जाती है।
ग्रहण दर्शन ना करें
कोई-कोई TV Channel वाले नादान होते हैं.. ग्रहण का दृश्य लाईव दिखाते हैं .. ये नहीं देखना चाहिए और ग्रहण की छाया भी हम पर न पड़े इसका ध्यान रखना चाहिए
ग्रहण के समय उसके देवता का मंत्र जप
ग्रहण का समय हो तो उस समय ग्रहण के देव का नाम जप करने से उस ग्रह का माने सूर्य या चन्द्र का विशेष आशीवार्द प्राप्त होते हैं चन्द्र ग्रहण में चन्द्र देव का मंत्र ...
ॐ सोमाय नमः
ॐ रोहिणी कान्ताय नमः
ॐ चन्द्रमसे नमः
फिर चन्द्र देव की स्तुति का श्लोक
"दधीशंख: तुषाराभम् क्षीरोरदार्णव संनिभम्, नमामि शशिनं सोमं शम्भोर्मुकुटभूषणम्"
फिर चन्द्र गायत्री मंत्र बोलें ...
" ॐ अमृतान्गाय विदमहे कलारुपाय धीमहि तन सोमः प्रचोदयात "
पंडित रामगोपाल डोलियां
