Hindu Astha

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

आज का पंचांग | Aaj ka Panchang | 03 OCTOBER 2025



 आज का हिन्दू पंचांग 


  दिनांक - 03 अक्टूबर 2025

 दिन - शुक्रवार

  विक्रम संवत 2082

  शक संवत -1947

  अयन - दक्षिणायन

  ऋतु - शरद ॠतु 

  मास - आश्विन

  पक्ष - शुक्ल 

  तिथि - एकादशी शाम 06:32 तक तत्पश्चात द्वादशी

  नक्षत्र - श्रवण सुबह 09:34 तक तत्पश्चात धनिष्ठा

  योग - धृति  रात्रि 09:46 तक तत्पश्चात शूल

  राहुकाल  - सुबह 10:58 से दोपहर 12:27 तक

  सूर्योदय - 06:28

  सूर्यास्त -  06:10

  दिशाशूल - पश्चिम दिशा मे

  व्रत पर्व विवरण - पापांकुशा -पाशांकुशा एकादशी, भरत- मिलाप,पंचक (आरंभ: रात्रि 09:27)


  विशेष - हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l  राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।


  आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l


  एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।


  एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।


  जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।


 पापांकुशा एकादशी  


  02 अक्टूबर 2025 गुरूवार को शाम 07:10 से 03 अक्टूबर, शुक्रवार को शाम 06:32 तक एकादशी है।


  विशेष - 03 अक्टूबर 2025 शुक्रवार को एकादशी का व्रत (उपवास) रखे।


  पापांकुशा एकादशी का उपवास करने से कभी यम- यातना नहीं प्राप्त होती | यह पापों को हरनेवाला, स्वर्ग, मोक्ष, आरोग्य, सुंदर स्त्री, धन एवं मित्र देनेवाला व्रत है | इसका उपवास और रात्रि में जागरण माता, पिता व स्त्री के पक्ष की दस – दस पीढ़ियों का उद्धार कर देता है |  


  शनिप्रदोष व्रत 


  हिंदू पंचांग के अनुसार, प्रत्येक महिने की दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर प्रदोष व्रत किया जाता है। ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। इस बार 04 अक्टूबर, शनिवार को शनिप्रदोष व्रत है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा की जाती है। प्रदोष पर व्रत व पूजा कैसे करें और इस दिन क्या उपाय करने से आपका भाग्योदय हो सकता है, जानिए…

  ऐसे करें व्रत व पूजा


  - प्रदोष व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद भगवान शंकर, पार्वती और नंदी को पंचामृत व गंगाजल से स्नान कराएं।


  - इसके बाद बेल पत्र, गंध, चावल, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य (भोग), फल, पान, सुपारी, लौंग, इलायची भगवान को चढ़ाएं।


  - पूरे दिन निराहार (संभव न हो तो एक समय फलाहार) कर सकते हैं) रहें और शाम को दुबारा इसी तरह से शिव परिवार की पूजा करें।


  - भगवान शिवजी को घी और शक्कर मिले जौ के सत्तू का भोग लगाएं। आठ दीपक आठ दिशाओं में जलाएं।


  - भगवान शिवजी  की आरती करें। भगवान को प्रसाद चढ़ाएं और उसीसे अपना व्रत भी तोड़ें।उस दिन  ब्रह्मचर्य का पालन करें।


  ये उपाय करें

सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद तांबे के लोटे से सूर्यदेव को अर्ध्य देें। पानी में आकड़े के फूल जरूर मिलाएं। आंकड़े के फूल भगवान शिवजी  को विशेष प्रिय हैं । ये उपाय करने से सूर्यदेव सहित भगवान शिवजी  की कृपा भी बनी रहती है और भाग्योदय भी हो सकता है।



  पंडित रामगोपाल डोलियां