आज का हिन्दू पंचांग
दिनांक - 01 नवम्बर 2025
दिन - शनिवार
विक्रम संवत 2082
शक संवत -1947
अयन - दक्षिणायन
ऋतु - हेमंत ॠतु
मास - कार्तिक
पक्ष - शुक्ल
तिथि - दशमी सुबह 09:11 तक तत्पश्चात एकादशी
नक्षत्र - शतभिषा शाम 06:20 तक तत्पश्चात पूर्वभाद्रपद
योग - ध्रुव 02 नवम्बर रात्रि 02:10 तक तत्पश्चात व्याघात
राहुकाल - सुबह 09:32 से सुबह 10:57 तक
सूर्योदय - 06:45
सूर्यास्त - 05:42
दिशाशूल - पूर्व दिशा मे
व्रत पर्व विवरण- देवउठी-प्रबोधिनी एकादशी (स्मार्त),भीष्मपंचक व्रत प्रारंभ,पंचक
विशेष - *हर एकादशी को श्री विष्णु सहस्रनाम का पाठ करने से घर में सुख शांति बनी रहती है l राम रामेति रामेति । रमे रामे मनोरमे ।। सहस्त्र नाम त तुल्यं । राम नाम वरानने ।।
आज एकादशी के दिन इस मंत्र के पाठ से विष्णु सहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है l
एकादशी के दिन बाल नहीं कटवाने चाहिए।
एकादशी को चावल व साबूदाना खाना वर्जित है | एकादशी को शिम्बी (सेम) ना खाएं अन्यथा पुत्र का नाश होता है।
जो दोनों पक्षों की एकादशियों को आँवले के रस का प्रयोग कर स्नान करते हैं, उनके पाप नष्ट हो जाते हैं।
कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी
नारदपुराण के अनुसार ऊर्ज्शुक्लत्रयोदश्यामेकभोजी द्विजोत्तम । पुनः स्नात्वा प्रदोषे तु वाग्यतः सुसमाहितः ।। १२२-४८ ।।
प्रदीपानां सहस्रेण शतेनाप्यथवा द्विज । प्रदीपयेच्छिवं वापि द्वात्रिंशद्दीपमालया ।। १२२-४९ ।।
घृतेन दीपयेद्द्वीपान्गंधाद्यैः पूजयेच्छिवम् । फलैर्नानाविधैश्चैव नैवेद्यैरपि नारद ।। १२२-५० ।।
ततः स्तुवीत देवेशं शिवं नाम्नां शतेन च । तानि नामानि कीर्त्यंते सर्वाभीष्टप्रदानि वै ।। १२२-५१ ।।
कार्तिक शुक्ल त्रयोदशी को मनुष्य एक समय भोजन करके व्रत रखे। प्रदोषकाल में पुनः स्नान करके मौन और एकाग्रचित्त हो बत्तीस दीपकों की पंक्ति से भगवान शिव को आलोकित करे। घी से दीपकों को जलाए और गंध आदि से भगवान शिव की पूजा करे। फिर नाना प्रकार के फलों और नैवेद्यों द्वारा उन्हें संतुष्ट करे । इस प्रकार व्रत करके मनुष्य महादेवजी के प्रसाद से इहलोक के सम्पूर्ण भोग भोगकर अंत में शिवधाम प्राप्त करता है।
कार्तिक मास
सीदलपुष्पाणि ये यच्छन्ति जनार्दने।
कार्तिके सकलं वत्स पापं जन्मार्जितं दहेत्।। (पद्मपुराण)
ब्रम्हाजी नारदजी से कहते हे- वत्स ! जो लोग कार्तिक में भगवान जनार्दन को तुलसी के पत्र और पुष्प अर्पित करते हैं, उनका जन्म भर का किया हुआ सारा पाप भस्म हो जाता है।
कार्तिक मास के अंतिम 3 दिन दिलाएं महा पुण्य पुंज
कार्तिक मास में सभी दिन अगर कोई स्नान ना कर पाए तो त्रयोदशी, चौदस और पूनम ये तीन दिन सुबह सूर्योदय से पूर्व स्नान कर लेने से पूरे कार्तिक मास के स्नान के पुण्यो की प्राप्ति होती है l
इन तीन दिन विष्णु सहस्रनाम पाठ और गीता का पाठ भी अत्यंत प्रभावशाली और पुण्यदायी है l
पंडित रामगोपाल डोलियां
