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लक्ष्मणगढ़ में तुलसी–शालीग्राम परिणय महोत्सव की भक्ति गूंज — 2 नवम्बर को होगा तुलसी–शालीग्राम विवाह संस्कार

   


खबर - लक्ष्मी नितेश गौतम

लक्ष्मणगढ़ (शेखावाटी), 1 नवम्बर।

सनातन संस्कृति को अपने अंदर आत्मसात करने वाले लक्ष्मणगढ़ में इन दिनों भक्ति और उल्लास का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है।

श्री रघुनाथ जी बड़ा मंदिर परिसर में पांच दिवसीय तुलसी–शालीग्राम परिणय महोत्सव बड़े ही धार्मिक उत्साह और भक्ति भाव के साथ मनाया जा रहा है।


  गणेश पूजन के साथ हुआ शुभारंभ


महोत्सव का शुभारंभ 29 अक्टूबर (बुधवार) को गणेश पूजन से किया गया।

इसके बाद से ही मंदिर परिसर में प्रतिदिन सुबह 10 बजे से बन्ना–बन्नी विवाह गीत और मंगल गीतों की स्वर लहरियाँ गूंज रही हैं।

नगर की सैकड़ों महिलाएं पारंपरिक परिधानों में नाच-गाकर तुलसी–शालीग्राम विवाह की खुशियाँ मना रही हैं।

प्रत्येक दिवस उपस्थित श्रद्धालु महिलाओं को बेल वितरित की जा रही है, जो इस महोत्सव की विशेष परंपरा मानी जाती है।


  मेहंदी शगुन और महिला संगीत से सजा दूसरा दिन


30 अक्टूबर (गुरुवार) को द्वितीय दिवस पर जाजोदिया परिवार द्वारा मेहंदी का शगुन दिया गया।

महिलाओं ने पारंपरिक रीति से महंत श्री अशोक दास जी महाराज को शगुन भेंट किया।

महंत जी ने शालीग्राम जी को मेहंदी अर्पित की और महिलाओं को मेहंदी कोन वितरित किए।

इसके बाद महिला संगीत का आयोजन हुआ, जहाँ गीतों और भजनों के माध्यम से महिलाओं ने भक्ति और आनंद का उत्सव मनाया।


 वैवाहिक मंगल गीतों से गूंजा मंदिर परिसर


31 अक्टूबर (शुक्रवार) को तृतीय दिवस पर मंदिर परिसर में वैवाहिक मंगल गीतों का भव्य आयोजन हुआ।

मंगल पाठ का वाचन श्रीमती लक्ष्मीनितेश गौतम, ममता दाधीच और संतोष काबरा द्वारा किया गया।

इस अवसर पर शालीग्राम बन्ना और तुलसी बन्नी की पारंपरिक रस्में — हल्दी, मेहंदी और घोड़ी चढ़ाई — के गीत गाए गए।

कार्यक्रम के उपरांत सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद और नाश्ता वितरित किया गया।


  महिलाओं की बड़ी भागीदारी


महोत्सव में लक्ष्मीनितेश गौतम, गुड्डू जाजोदिया, अर्चना बेड़ियां, पायल नाऊवाला, शीतल जाजोदिया, भावना चिंतलागिया, प्रिया चूड़ीवाला, नीतू ढढ़, सुमन पासोरिया, सरिता शर्मा सहित सैकड़ों महिलाएं शामिल हुईं।

सभी ने नाच-गाकर और मंगल गीतों के माध्यम से भगवान शालीग्राम और माता तुलसी के इस पावन विवाह में अपनी श्रद्धा व्यक्त की।


  बान, तिलक और बिंदोरी से सजा चौथा दिन


1 नवम्बर को सुबह बान और तिलक समारोह का आयोजन हुआ, जबकि शाम को बिंदोरी यात्रा और प्रतिभोज का कार्यक्रम संपन्न हुआ।

सभी श्रद्धालुओं ने इसमें बढ़-चढ़कर भाग लिया।


 2 नवम्बर को होगा तुलसी–शालीग्राम विवाह संस्कार


महोत्सव का समापन 2 नवम्बर (शनिवार) को माता तुलसी और भगवान शालीग्राम जी के वैवाहिक संस्कार के साथ होगा।

 लक्ष्मीनितेश गौतम ने बताया कि “लक्ष्मणगढ़ शेखावाटी में छोटी काशी के नाम से प्रसिद्ध है, यहाँ हर पर्व और उत्सव परंपरा और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।”