Hindu Astha

6/recent/ticker-posts

Header Ads Widget

श्रीमद्भगवद्गीता पंद्रहवा (15 ) श्लोक fifteenth Shlok

पाञ्चजन्यं हृषीकेशो देवदत्तं धनञ्जयः ।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशंख भीमकर्मा वृकोदरः ॥

 

 


 

 

 

भावार्थ :  श्रीकृष्ण महाराज ने पाञ्चजन्य नामक, अर्जुन ने देवदत्त नामक और भयानक कर्मवाले भीमसेन ने पौण्ड्र नामक महाशंख बजाया॥15॥